Dastak Hindustan

कांग्रेस की नीतियों पर जेपी नड्डा की सख्त प्रतिक्रिया, मणिपुर में स्थिति बिगड़ने का आरोप

नई दिल्ली:- भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मणिपुर हिंसा पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे गए पत्र पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। नड्डा ने खड़गे को पत्र लिखते हुए कांग्रेस के ऊपर मणिपुर की स्थिति को सनसनीखेज बनाने का आरोप लगाया और इसे देश की सुरक्षा को लेकर कांग्रेस की नीतियों की विफलता से जोड़ा। पत्र में नड्डा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने मणिपुर की हिंसा का राजनीतिकरण करने की कोशिश की है, जबकि वे यह भूल गए हैं कि उनकी सरकार ने भारत में विदेशी उग्रवादियों के अवैध प्रवास को वैध बनाया था। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि तत्कालीन गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने इन उग्रवादी नेताओं के साथ संधियों पर हस्ताक्षर किए थे और उनकी सरकार ने इन उग्रवादियों को उनके अस्थिरता फैलाने वाले प्रयासों को जारी रखने के लिए समर्थन दिया था।

नड्डा ने कांग्रेस की नीतियों को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि मणिपुर में शांति को कांग्रेस की नीतियों के कारण नुकसान हुआ और इसके लिए जिम्मेदार उनकी पार्टी की सुरक्षा और प्रशासनिक विफलताएं हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि कांग्रेस के नेतृत्व में मणिपुर में उग्रवादी और हिंसक संगठन देश की कड़ी मेहनत से हासिल की गई शांति को नष्ट करने के प्रयास में लगे हुए हैं।

जेपी नड्डा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं का यह रुझान कि विदेशी ताकतों के गठजोड़ का समर्थन और प्रोत्साहन देना देश की प्रगति को पटरी से उतारने की कोशिश करना और भारतीय लोकतंत्र को विभाजित करने की कोशिश करना चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि यह पैटर्न पार्टी की सत्ता की लालसा का परिणाम है और कांग्रेस ने कभी भी मणिपुर जैसी जटिल स्थिति को सुलझाने के लिए ईमानदारी से काम नहीं किया।

नड्डा के अनुसार भाजपा सरकार किसी भी कीमत पर मणिपुर में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और कांग्रेस द्वारा देश के खिलाफ विदेशी उग्रवादी ताकतों को समर्थन देना भारतीय राजनीति के लिए खतरनाक हो सकता है। उन्होंने कांग्रेस से अपील की कि वह मणिपुर की स्थिति पर राजनीति करना छोड़कर राष्ट्र की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे। इस पत्र को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है और यह भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या कांग्रेस इस आरोप का जवाब देगी और मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए अपनी नीतियों को सुधारने के लिए कदम उठाएगी या नहीं।

शेयर करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *