कलौंजी का तेल जिसे ब्लैक सीड ऑइल के नाम से भी जाना जाता है भारत में एक प्रसिद्ध औषधि के रूप में सदियों से उपयोग किया जा रहा है। यह तेल कई गंभीर बीमारियों जैसे हृदय रोग, ब्लड प्रेशर, डाइबिटीज, अस्थमा, खांसी, जोड़ों के दर्द, कैंसर, किडनी की समस्याएं, गुर्दे की पत्थरी, और मर्दाना कमजोरी सहित अनेक रोगों से निजात दिलाने में प्रभावी साबित होता है। इसके अलावा, यह बालों के रोगों, मोटापे, याददाश्त बढ़ाने, मुंहासे, अजीर्ण, बवासीर, और अन्य समस्याओं के लिए भी अत्यंत लाभकारी है।
कलौंजी का तेल थाइमोक्विनोन और थाइमोहाइड्रोक्विनोन जैसे शक्तिशाली तत्वों से भरपूर होता है जो शरीर को हील करने और विभिन्न बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। यह तेल शरीर में सूजन को कम करता है एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है और कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने में मददगार है।
2012 में इजिप्ट में किए गए एक शोध से यह सामने आया कि शहद और कलौंजी का तेल ट्यूमर रोधी तत्वों से भरपूर होते हैं जो कैंसर कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि को रोकने में सहायक हैं। इसके अलावा 2013 में मलेशिया में किए गए शोध में ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए थाइमोक्विनोन के प्रभावी परिणाम सामने आए।
आयुर्वेद में कलौंजी का महत्व बहुत अधिक है और इसे कलयुग में संजीवनी के रूप में माना जाता है। हदीस में भी इसका उल्लेख है कि मौत को छोड़कर हर मर्ज की दवा है कलौंजी। यह साबित करता है कि यह तेल न केवल आधुनिक विज्ञान बल्कि प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों में भी अत्यधिक प्रभावकारी माना जाता है।
कलौंजी के बीजों का उपयोग आयुर्वेदिक उपचारों में किया जाता है और इन्हें सिरके शहद या पानी में मिलाकर सेवन किया जाता है। भारत में यह तेल आसानी से उपलब्ध है और अब इसे विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य लाभों के लिए व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है।