शिमला (हिमाचल प्रदेश):- कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हाल ही में एक बयान में ‘खटाखट गारंटी’ पर सवाल उठाए हैं। यह बयान कर्नाटक में कांग्रेस द्वारा की गई चुनावी घोषणाओं को लेकर सामने आया जिनमें कर्नाटक के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम के बीच बैठक में चर्चा की गई। खड़गे ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने चुनावी राज्यों में ऐसे वादे किए हैं जो न केवल आर्थिक रूप से असंभव हैं बल्कि जिन्हें पूरा करना भी कठिन है।
इस बयान ने कांग्रेस के भीतर आत्मचिंतन की प्रक्रिया को तेज कर दिया है खासकर तब जब आगामी महाराष्ट्र और झारखंड के चुनावी घोषणा पत्र को लेकर पार्टी ने पहले से ही स्थिति स्पष्ट करने का प्रयास किया है। कांग्रेस के वादों पर सवाल उठाते हुए खड़गे ने यह भी कहा कि क्या पार्टी अपने बजट के अनुरूप वादे नहीं कर रही है? क्या चुनावी राज्यों में किए गए वादे केवल चुनावी लाभ के लिए हैं?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खड़गे के बयानों का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस ने हमेशा झूठे वादे किए हैं और अब जनता इन वादों के प्रति जागरूक हो चुकी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की घोषणाएं कई मामलों में अधूरी रही हैं विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में। पीएम मोदी ने कांग्रेस के वादों को लेकर एक सीरीज पोस्ट की जिसमें उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अब यह समझ आ गया है कि झूठे वादे करना आसान है लेकिन उन्हें सही तरीके से लागू करना कठिन है।
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने 2022 के चुनावों में 10 गारंटी देने का वादा किया था लेकिन इनमें से अधिकांश अब तक पूरी नहीं हुई हैं। इस स्थिति ने कांग्रेस के भीतर निराशा का माहौल पैदा कर दिया है खासकर जब हरियाणा में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन की चर्चा हो रही है।
खड़गे के सवालों और प्रधानमंत्री मोदी के बयानों ने कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है जिससे यह साफ होता है कि आगामी चुनावों में पार्टी को अपनी चुनावी रणनीति पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। कांग्रेस को यह देखना होगा कि वे अपनी घोषणाओं को किस प्रकार पूर्ण करते हैं अन्यथा उन्हें जनता के विश्वास को खोने का खतरा हो सकता है।