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भारतीयों का यात्रा उत्साह : वीजा नियमों में आसानियां

नई दिल्ली :- भारतीय नागरिकों में दुनिया भर में यात्रा करने और छुट्टियाँ मनाने का जुनून लगातार बढ़ रहा है। यह उत्साह केवल घरेलू यात्रा तक सीमित नहीं है बल्कि भारतीय अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी यात्रा करने के लिए तैयार हैं। हाल के वर्षों में विभिन्न देशों ने भारतीय नागरिकों के लिए वीजा नियमों को सरल बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं जिससे यात्रा करना और भी सुलभ हो गया है।

ऑस्ट्रेलिया, यूएई और अन्य देशों ने भारतीय पर्यटकों के लिए वीजा प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए विभिन्न पहल की हैं। उदाहरण के लिए कुछ देशों ने वीजा ऑन अराइवल और ई-वीजा जैसी सुविधाएँ शुरू की हैं जो यात्रियों को बिना किसी परेशानी के अपनी यात्रा योजनाओं को साकार करने में मदद करती हैं। यह कदम न केवल भारतीय पर्यटकों के लिए सुविधाजनक है बल्कि पर्यटन उद्योग को भी मजबूत बनाने में सहायक सिद्ध हो रहा है।

इस परिवर्तन से भारतीयों के लिए विदेशी छुट्टियाँ मनाना अब और भी रोमांचक और आसान हो गया है। चाहे वे शॉपिंग ऐतिहासिक स्थलों की खोज या प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव करना चाहें इन देशों के दरवाजे अब भारतीयों के लिए खुल गए हैं। इसके साथ ही यह कदम भारत के पर्यटन क्षेत्र को भी बढ़ावा देने में सहायक होगा क्योंकि भारतीय पर्यटक अब आसानी से विदेशों में अपनी पसंदीदा छुट्टियाँ मना सकते हैं।

इस प्रकार वीजा नियमों में यह सरलता भारतीयों के यात्रा अनुभव को नया आयाम दे रही है और उन्हें वैश्विक स्तर पर अपने अनुभवों को साझा करने का अवसर प्रदान कर रही है।
ऑस्ट्रेलिया ने ‘फर्स्ट वर्क एंड हॉलिडे वीजा’ नीति शुरू की है। यह 30 वर्ष से कम आयु के युवा भारतीयों को एक वर्ष के लिए ऑस्ट्रेलिया में काम करने या अध्ययन करने की अनुमति देता है। वहीं संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने भारतीय पासपोर्ट धारकों के लिए एक नई वीज़ा-ऑन-अराइवल नीति लागू की है। पात्र व्यक्ति अब 14-दिन के प्रवास का आनंद ले सकते हैं यदि उनके पास अमेरिका, ब्रिटेन या यूरोपीय संघ के देशों से वैध वीजा या निवास परमिट है। इस बीच दुबई अधिक भारतीय आगंतुकों को आकर्षित करने के लिए पांच वर्षीय बहु-प्रवेश वीजा की पेशकश कर रहा है। यह वीजा एक बार में 90 दिनों तक रहने की अनुमति देता है।

जर्मनी और अन्य देशों में भारतीय कुशल श्रमिकों के लिए वीजा में आसानियां

जर्मनी ने अपने अवसर कार्ड कार्यक्रम के तहत कुशल पेशेवरों को आकर्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विशेष क्षेत्रों में लगभग 400,000 कुशल श्रमिकों की कमी को पूरा करना है। भारत से प्रतिभाओं को अपनी ओर खींचकर, जर्मनी अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देते हुए अपने कार्यबल में महत्वपूर्ण अंतराल को भरने की उम्मीद करता है।

इससे पहले, कजाकिस्तान और केन्या ने भी भारतीय नागरिकों के लिए अपने वीजा नियमों को सरल बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। कजाकिस्तान अब भारतीय पर्यटकों को 14 दिनों तक के लिए वीजा-मुक्त प्रवास की सुविधा प्रदान कर रहा है जो कि देश में भारतीयों की यात्रा को बढ़ावा देने का एक प्रयास है।

वहीं केन्या ने 1 जनवरी, 2024 से अपनी पारंपरिक वीजा प्रणाली को बदलकर इलेक्ट्रॉनिक ट्रैवल ऑथराइजेशन (ईटीए) प्रणाली अपनाई है। यह नया बदलाव भारतीयों सहित सभी विदेशी आगंतुकों के लिए प्रवेश प्रक्रिया को और अधिक सरल और सहज बनाता है।

इस प्रकार ये पहलें भारतीय कुशल श्रमिकों और पर्यटकों के लिए नए अवसरों के द्वार खोल रही हैं जिससे वे आसानी से इन देशों में अपनी यात्रा और कार्य के सपनों को साकार कर सकें। जर्मनी, कजाकिस्तान, और केन्या जैसे देशों द्वारा उठाए गए ये कदम वैश्विक स्तर पर भारतीय प्रतिभाओं की बढ़ती मांग को दर्शाते हैं और उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने कौशल का प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान करते हैं।

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