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अगले हफ्ते एक साथ मंच पर होंगे तीन बड़े दिग्गज नेता

नई दिल्ली :- भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार को जानकारी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर रूस के तातारस्तान की राजधानी कजान में 22-23 अक्टूबर को आयोजित 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।

यह इस साल प्रधानमंत्री मोदी की रूस की दूसरी यात्रा होगी। इससे पहले उन्होंने 8-9 जुलाई को द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के लिए मास्को का दौरा किया था। अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी से ब्रिक्स सदस्य देशों के अपने समकक्षों और कजान में आमंत्रित नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने की उम्मीद है।

वहीं चीन के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग 22 से 24 अक्टूबर तक कजान शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने बताया कि अपनी यात्रा के दौरान शी जिनपिंग नेताओं की बैठक, विशेषज्ञ नेताओं के संवाद और अन्य गतिविधियों में भाग लेंगे और वर्तमान अंतरराष्ट्रीय स्थिति पर नेताओं के साथ गहन विचार-विमर्श करेंगे।

कजान शहर में एक ही मंच पर प्रधानमंत्री मोदी और शी जिनपिंग होंगे। लिहाजा सवाल ये उठ रहे हैं कि क्या प्रधानमंत्री मोदी और शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक होगी?

क्या शी जिनपिंग-मोदी में होगी मुलाकात?

भारत और चीन के विदेश मंत्रियों और एनएसए ने सीमा गतिरोध को हल करने के लिए पिछले कुछ महीनों में कुछ मुलाकाते की हैं लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है। वार्ता में प्रगति के कुछ संकेत मिले हैं लेकिन जमीनी स्तर पर या कूटनीतिक और राजनीतिक स्तर पर कोई समाधान नहीं निकल सका है।

इस साल के शिखर सम्मेलन का विषय ‘न्यायसंगत वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करना’ है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यह नेताओं को प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा। मंत्रालय ने कहा, “शिखर सम्मेलन ब्रिक्स द्वारा शुरू की गई पहलों की प्रगति का आकलन करने और भविष्य के सहयोग के लिए संभावित क्षेत्रों की पहचान करने का एक मूल्यवान मौका प्रदान करेगा।”

शिखर सम्मेलन से पहले राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि ब्रिक्स समूह अपने बढ़ते आकार और तेजी से विकास के चलते आने वाले वर्षों में वैश्विक आर्थिक वृद्धि में सबसे महत्वपूर्ण योगदान देगा जो विकसित पश्चिमी देशों की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक होगा।

ब्रिक्स को लेकर पुतिन को क्या हैं उम्मीदें?

पुतिन को उम्मीद है कि ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का समूह, जिसमें अब मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात को शामिल किया गया है) व्यापार में पश्चिम के लिए एक शक्तिशाली प्रतिपक्ष के रूप में विकसित होगा।

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मॉस्को में ब्रिक्स व्यापार मंच पर अधिकारियों और व्यापारियों से कहा, “हमारे संगठन के देश वैश्विक आर्थिक विकास के प्रमुख चालकों के रूप में उभर रहे हैं। निकट भविष्य में ब्रिक्स समूह वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में मुख्य योगदान करेगा।”

उन्होंने यह भी जोर देकर कहा, “ब्रिक्स सदस्यों की आर्थिक वृद्धि बाहरी प्रभावों या हस्तक्षेप पर कम निर्भर होगी। यह आर्थिक संप्रभुता का एक अनिवार्य पहलू है।” जिससे ब्रिक्स देशों की आत्मनिर्भरता और स्वतंत्र विकास की क्षमता पर बल दिया।

यूक्रेन के साथ ढाई साल के युद्ध के बाद रूसी राष्ट्रपति के लिए यह एक प्रमुख बहुपक्षीय शिखर सम्मेलन है और वे इसे पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद क्रेमलिन के लिए एक शक्ति क्षण के रूप में पेश कर रहे हैं।

राष्ट्रपति पुतिन आर्कटिक सागर मार्ग और उत्तर-से-दक्षिण गलियारे को आगे बढ़ाने के लिए भी उत्सुक हैं जो रूस को कैस्पियन सागर और ईरान के माध्यम से खाड़ी और हिंद महासागर से जोड़ता है। उन्होंने कहा “यह यूरेशियन और अफ्रीकी महाद्वीपों के बीच माल परिवहन को बढ़ाने की कुंजी है।”

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