दिल्ली:-दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है जिससे शहर की सर्दियों की परेशानियां और बढ़ गई हैं। दिल्ली की हवा में पार्टिकुलेट मैटर का स्तर इतना अधिक हो गया है कि यहां के निवासियों के लिए सांस लेना मुश्किल हो गया है।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 116 पर पहुंच गया है जो अस्वास्थ्यकर श्रेणी में आता है। यह स्तर स्वास्थ्य प्रभावों को संवेदनशील समूहों द्वारा तुरंत महसूस किया जा सकता है। स्वस्थ व्यक्तियों को लंबे समय तक संपर्क में रहने से सांस लेने में कठिनाई और गले में खराबी हो सकती है।
वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली के आसपास के जिलों में भी इसका असर देखा जा रहा है। भारत में वायु प्रदूषण से प्रत्येक वर्ष लगभग 2 मिलियन लोगों के मारे जाने का अनुमान है। वायु प्रदूषण भारत में पांचवां सबसे बड़ा मृत्यु का कारण है।
*वायु प्रदूषण के कारण*
– _परिवहन_: वाहनों से निकलने वाले धुएं से वायु प्रदूषण होता है।
– _उद्योग_: उद्योगों से निकलने वाले धुएं और गैसों से वायु प्रदूषण होता है।
– _कूड़ा-कचरा_: कूड़ा-कचरा जलाने से वायु प्रदूषण होता है।
*वायु प्रदूषण के नुकसान*
– _स्वास्थ्य समस्याएं_: वायु प्रदूषण से सांस लेने में कठिनाई, अस्थमा, और पुरानी सांस की बीमारी हो सकती है।
– _पर्यावरण प्रभाव_: वायु प्रदूषण से पर्यावरण पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
– _आर्थिक नुकसान_: वायु प्रदूषण से आर्थिक नुकसान भी होता है।
दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें वाहनों को बिजली से चलाने उद्योगों को वायु प्रदूषण कम करने के लिए कहा जा रहा है और कूड़ा-कचरा जलाने पर रोक लगाने जैसे कदम शामिल हैं।