नई दिल्ली :- केंद्र सरकार के एक आदेश ने एनपीएस में शामिल लगभग 23 लाख कर्मचारियों को परेशान कर दिया है। पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली ‘एनपीएस’ के अंतर्गत कवर किए गए केंद्र सरकार के सिविल्र कर्मचारियों के सेवा संबंधी मामलों को प्रशासित करने के लिए केंद्रीय सिविल सेवा (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली का कार्यान्वयन) नियमावली, 2021 को अधिसूचित किया है।
इसमें कहा गया है कि कोई एनपीएस कर्मचारी, सेवाकाल में इस्तीफा दे देता है और नब्बे दिन के भीतर किन्हीं कारणों से उसकी मौत हो जाती है तो उसके परिजनों को कुल कॉर्पस का 20 प्रतिशत देने का प्रावधान लागू होगा। शेष 80 प्रतिशत में से कर्मचारी को पेंशन देने के लिए एन्युटी खरीदनी पड़ती है।
‘नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत’ के अध्यक्ष डॉ. मंजीत पटेल ने सरकार से मांग की है कि उक्त स्थिति में कर्मचारी की मृत्यु को सेवाकाल में मृत्यु माना जाना चाहिए। 2021 एनपीएस (डेथ/डिसेबिलिटी) अमेंडमेंट एक्ट के तहत उसके परिवार को अंतिम बेसिक सेलरी और महंगाई भत्ते के 50 प्रतिशत के बराबर फैमिली पेंशन देने का प्रावधान किया जाए। साथ में कर्मचारी अंशदान की ब्याज सहित पूर्ण रूप से वापसी तय की जानी चाहिए।
सात अक्तूबर को जारी हुआ कार्यालय ज्ञापन, केंद्रीय सिविल सेवा (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली का कार्यान्वयन) नियमावली, 2021 का नियम 14, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंतर्गत कवर किए गए केंद्र सरकार के कर्मचारी के सरकारी सेवा से त्यागपत्र देने पर हकदारी से संबंधित है।