(मेहनगर) आजमगढ़:-जहाँ एक ओर केन्द्र सरकार बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए ग्राम स्तर पर आंगनवाड़ी को सशक्त करने के लिए प्रयासरत है| वहीं मेहनगर ब्लाक क्षेत्र के महोली ग्राम की महिलाओं ने ग्राम की आंगनवाड़ी कार्यकत्री पर बच्चों को राशन नहीं दिए जाने का आरोप लगाया है। दलित महिलाओं के एक समूह ने बताया कि सरकार द्वारा प्रदान की जा रही दलिया, चने की दाल, तेल और घी आदि का वितरण ग्राम की आंगनवाड़ी कार्यकत्री द्वारा नहीं किया जा रहा है। पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुन्नी देवी पत्नी श्याम सुन्दर, सुशीला देवी पत्नी बलिहारी, आरती पत्नी रामानंद, सीमा पत्नी रामू, गीता पत्नी रामधनी, सीमा पत्नी धर्मेन्द्र आदि ने बताया| कि हमारे ग्राम में किरन वर्मा नाम की कार्यकत्री आंगनवाड़ी पर नियुक्त है। वह बच्चों को पोषक आहार नहीं देतीं हैं। मांगने पर जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए डांट कर भगाती है|और कहती है कि हमें सुपरवाइजर, सीडीपीओ और जिले के अधिकारियों को उनका हिस्सा देना पड़ता है। ग्रामीणों ने बताया कि यहाँ कभी कोई अधिकारी भी जांच के लिए नहीं आता है। सीडीपीओ तो कभी आती ही नही है। उन्होंने प्रशासन को आगाह करते हुए कहा कि यदि आंगनवाड़ी की व्यवस्था और आहार वितरण आदि की व्यवस्था ठीक नहीं होती है| तो हम ग्रामवासी जिलाधिकारी के समक्ष धरना और आन्दोलन के लिए बाध्य होगें। ऐसी ही शिकायत मेहनगर क्षेत्र के गौरा, वीरभान पुर और मेहनगर नगर क्षेत्र से भी प्राप्त हुई है। आंगनवाड़ी केन्द्र की अनियमितता की शिकायत इस क्षेत्र के लिए कोई नयी बात नहीं है। सम्पूर्ण ईसीसीडी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है। यह कार्यक्रम नीचे से लेकर उपर तक के अधिकारियों के लिए खाने कमाने का जरिया बना हुआ है। आम जनता भी यह स्वीकार करती जा रही है कि आंगनवाड़ी केन्द्रों से बच्चों और महिलाओं को कोई विशेष लाभ नहीं है। मजे की बात यह है कि इस भ्रष्टाचार के पोषण में लिप्त कार्यकत्री और सहायिकाएं अपनी सेवा को सरकारी करने और पेंशन की भी मांग कर रही हैं।