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बिहार में हाल ही में हुई एक दिल दहला देने वाली घटना

पटना (बिहार):- बिहार में हाल ही में हुई एक दिल दहला देने वाली घटना ने राज्य में कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक सैकड़ा से अधिक अपराधियों ने हथियारों से लैस होकर पेट्रोल छिड़क कर 80 से ज्यादा दलित परिवारों के घर जला दिए, और पुलिस की खुफिया एजेंसी को इसकी भनक तक नहीं लगी।

इस भयावह घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए क्रांति कुमार ने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उम्मीद छोड़ते हुए, बिहार के डीजीपी आलोक राज से न्याय की गुहार लगाई है। क्रांति कुमार ने सवाल उठाते हुए लिखा, “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से कोई उम्मीद नहीं है। मुझे उम्मीद बिहार के डीजीपी आलोक राज जी से है। मैं डीजीपी साहब से गुहार लगा रहा हूँ कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई करें।”

उन्होंने इस घटना पर पुलिस की लापरवाही को भी कठघरे में खड़ा किया और पूछा कि 100 से अधिक अपराधियों की इतनी बड़ी वारदात के बारे में स्थानीय पुलिस को खबर क्यों नहीं लगी। कुमार ने कहा, “लोकल पुलिस टीम तत्काल मौके पर क्यों नहीं पहुंची? घटना के डेढ़ घंटे के बाद पुलिस क्यों आई? पुलिस हर बार सब कुछ खत्म होने के बाद क्यों आती है?”

क्रांति कुमार ने लालनटॉप न्यूज़ चैनल पर आई एक चश्मदीद गवाह की गवाही का हवाला देते हुए कहा, “पुलिस को खबर देने के बाद भी पुलिस डेढ़ घंटे बाद घटनास्थल पर पहुँची। अगर पुलिस समय पर आ जाती तो लोगों के घर जलने से बच जाते और अपराधियों का हौसला पस्त हो जाता।”

उन्होंने डीजीपी आलोक राज से अपील की कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस में एक मजबूत और त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली (क्विक रेस्पॉन्स टीम) बनाई जाए, जो किसी भी वारदात पर तुरंत कार्रवाई कर सके। “नौकरी सभी करते हैं, सर ड्यूटी कर दीजिए। बिहार के पुलिस सिस्टम को बदल दीजिए। एक फोन कॉल पर 10 मिनट के भीतर पुलिस टीम को तत्काल मौके वारदात पर पहुंचने का कोई सिस्टम बनाइए,” क्रांति कुमार ने डीजीपी से अपील की।

यह घटना बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति और दलित समुदाय की सुरक्षा को लेकर गहरे सवाल खड़े करती है। अब देखना होगा कि डीजीपी आलोक राज इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और क्या कोई नई प्रणाली बनाई जाती है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

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