नई दिल्ली :- हर किसी के जीवन में सही राह दिखाने वाला एक गुरु जरूर होता है, जिससे उसे अपने जीवन में सफलता हासिल करने के लिए प्रेरणा मिलती है। हर साल 5 सितंबर का दिन पूरी दुनिया में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। किसी की भी सफलता के पीछे गुरु का सबसे अहम रोल होता है।
शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को भारत में मनाया जाता है। इस दिन हर कोई शिक्षकों के अहम योगदान को सराहता है। भारत के दूसरे राष्ट्रपति रहे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक प्रसिद्ध दार्शनिक, राजनेता और शिक्षक भी थे। उन्होंने अपने जन्मदिन को उनके निजी उत्सव के रूप में मनाने की बजाय शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का सुझाव दिया, ताकि समाज में शिक्षकों की महत्व को पहचाना जा सके।
सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 15 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के थिरुत्तानी में हुआ था। वे अपने माता-पिता सर्वपल्ली वीरास्वामी और सिथम्मा के 6 बच्चों में से चौथे थे। उनका परिवार आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के सर्वपल्ली गांव से था। डॉ. राधाकृष्णन के पिता एक स्थानीय जमींदार के लिए एक सहायक राजस्व अधिकारी के रूप में काम करते थे।
परिवार में गरीबी को देखने के साथ ही उन्होंने महज 16 साल की उम्र में दूर के रिश्तेदार शिवकामा से शादी की। उनका विवाह 53 सालों तक चला, लेकिन उनकी पत्नी 1956 में निधन नहीं हो गया। उनकी पांच बेटी और एक बेटा था। वहीं, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्ण का पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण से गहरा रिश्ता था।
क्रिकेट की दुनिया की बात करें तो आज जितने भी क्रिकेटर्स सफल है तो उनकी कामयाबी के पीछे उनके गुरु का योगदान रहा है। आज शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है। इस खास मौके पर आइए जानते हैं कुछ खास तथ्य-
जिसे देता है हर व्यक्ति सम्मान,
जो करता है वीरों का निर्माण,
जो बनाता है इंसान को इंसान,
ऐसे गुरु को हम करते हैं प्रणाम!
भगवान ने दी जिंदगी,
मां-बाप ने दिया प्यार,
पर सीखने और पढ़ाई के लिए,
ए गुरु हम हैं तेरे शुक्रगुजार!