अमरावती (आंध्र प्रदेश):- आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि राज्य के मंदिरों में केवल हिंदुओं को ही काम पर रखा जाएगा। उन्होंने मंदिरों के पुजारियों के वेतन में 50 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की है। इसके साथ ही ‘नाई ब्राह्मणों’ (मंदिरों में काम करने वाले नाई) के लिए न्यूनतम मासिक वेतन 25,000 रुपए दिया जाएगा। वेद विद्या प्राप्त करने वाले बेरोजगार युवाओं को भी 3,000 रुपए मासिक भत्ता दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने राज्य भर के विभिन्न मंदिरों में काम कर रहे 1683 अर्चकों (पुजारियों) का वेतन 10,000 रुपए से बढ़ाकर 15,000 रुपए महीना करने की घोषणा की है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने ‘धूप दीप नैवेद्यम योजना’ के तहत छोटे मंदिरों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता को 5,000 रुपए से बढ़ाकर 10,000 रुपए प्रति माह करने का निर्णय लिया है।
बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया कि मंदिर ट्रस्ट में दो और बोर्ड सदस्य जोड़े जाएँगे। बता दें कि 20 करोड़ रुपए या उससे अधिक राजस्व वाले मंदिरों के ट्रस्ट बोर्ड में 15 सदस्य होते हैं। अब यह संख्या बढ़ाकर 17 की जाएगी। इसके अलावा, यह भी स्पष्ट किया गया कि ट्रस्ट बोर्ड में एक ब्राह्मण और एक नाई ब्राह्मण सदस्य होंगे। एनडीए ने चुनाव से ये पहले वादा किया था।
बैठक के दौरान सीएम नायडू ने कहा, “हिंदू मंदिरों में गैर-हिंदुओं को कोई नौकरी नहीं दी जानी चाहिए। आंध्र प्रदेश में 1,110 मंदिरों के लिए ट्रस्टी नियुक्त किए जा रहे हैं।” नायडू ने यह भी घोषणा की कि वर्तमान में अवैध रूप से कब्जा की गई 87,000 एकड़ मंदिर भूमि को कानूनी माध्यम से फिर से प्राप्त किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में जबरन धर्मांतरण नहीं होना चाहिए।