जयपुर (राजस्थान):- केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू राजस्थान से राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने गए। उनके निर्विरोध चुने जाने से यह स्पष्ट होता है कि विपक्ष ने उनके खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारा, जिससे उनकी जीत सुनिश्चित हो गई। राज्यसभा में उनके चुने जाने से राजस्थान में उनकी राजनीतिक स्थिति और मजबूत होगी, साथ ही संसद में उनकी भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी।
राज्यसभा, जिसे भारतीय संसद का ऊपरी सदन कहा जाता है, भारत के द्विसदनीय संसदीय प्रणाली का महत्वपूर्ण अंग है। इसमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि होते हैं, जो राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा चुने जाते हैं। राज्यसभा में कुल 250 सदस्य हो सकते हैं, जिनमें से 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नामांकित किए जाते हैं, और बाकी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों से आते हैं।
राज्यसभा का मुख्य उद्देश्य विधायी कार्यों की समीक्षा करना, और उन पर गहन विचार-विमर्श करना है। यह सदन स्थायी होता है, अर्थात इसे भंग नहीं किया जा सकता। हालांकि, इसके एक-तिहाई सदस्य हर दो साल में सेवानिवृत्त होते हैं और नए सदस्यों का चुनाव किया जाता है।
राज्यसभा के पास कुछ विशेष अधिकार होते हैं, जैसे कि राज्य से जुड़े मुद्दों पर कानून बनाने की शक्ति, और राष्ट्रपति की मंजूरी के बिना आर्थिक मामलों से संबंधित विधेयकों को रोकने या पास करने की शक्ति।