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मणिपुर हिंसा को लेकर सीबीआई चंद्रचूड़ का फुटा गुस्सा

नई दिल्ली:- भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने मणिपुर की गंभीर स्थिति पर गहरी नाराजगी जताई है और मणिपुर में हो रही हिंसा के लिए मोदी-शाह की गुजरात लॉबी को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मणिपुर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की नियुक्ति में जानबूझकर देरी की गई जिससे राज्य की न्यायिक व्यवस्था ठप्प हो गई और हिंसा भड़क उठी।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने मणिपुर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की नियुक्ति के लिए कई बार पत्र लिखा। लेकिन मोदी और शाह की अगुवाई वाली सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। फाइलों पर कुंडली मार कर बैठे रहने के कारण मणिपुर की अदालतें कामकाज नहीं कर पा रही थीं जिसके कारण न्याय की प्रक्रिया में देरी हुई। इस स्थिति का प्रतिकूल प्रभाव राज्य की जनता पर पड़ा। जिससे स्थानीय हिंसा और अराजकता बढ़ गई।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मणिपुर में पिछले डेढ़ साल से जारी हिंसा की जिम्मेदारी सीधे तौर पर मौजूदा सरकार पर डालनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार द्वारा न्यायिक नियुक्तियों में जानबूझकर देरी की गई। जिससे मणिपुर में त्वरित न्याय सुनिश्चित नहीं हो पाया। इस वजह से स्थानीय समुदायों में असंतोष और हिंसा का माहौल बढ़ा।

मणिपुर में हिंसा की बढ़ती लहर के बीच यह आरोप महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दर्शाता है कि राजनीतिक और प्रशासनिक नीतियों का सीधे तौर पर न्यायिक व्यवस्था और आम जनता की सुरक्षा पर प्रभाव पड़ता है। सीजेआई चंद्रचूड़ का यह बयान सरकार की आलोचना करते हुए मणिपुर की स्थिति को लेकर गंभीर चिंता को प्रकट करता है।

इस मुद्दे को लेकर सरकार की ओर से अब तक कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन मुख्य न्यायाधीश के आरोपों ने मणिपुर की स्थिति पर एक बार फिर से राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया है। यह देखना होगा कि इस विवाद के बाद सरकार और न्यायपालिका के बीच संवाद में कितनी तेजी आती है और मणिपुर की जनता को जल्द राहत मिलती है या नहीं।

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