लखनऊ: बहुजन समाजवादी पार्टी आज ब्राह्मणों को लेकर सतीश चंद्र मिश्रा जी के कार्यालय पर बैठक करेंगी। यह बैठक लगभग दोपहर 12:00 बजे से प्रारंभ होगी। इस बैठक में लगभग 75 जिलों के ब्राह्मण हिस्सा लेंगे। सूत्रों के मुताबिक आज काफी लोग बहुत बहुजन समाजवादी पार्टी की सदस्यता लेंगे। जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आता जा रहा है वैसे-वैसे राजनीतिक पार्टियों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करना प्रारंभ कर दिया है।बीएसपी का ब्राह्मण सम्मेलन 2007 के चुनावी अभियान के तर्ज पर होगा। शुक्रवार को लखनऊ में पूरे प्रदेश से 200 से ज्यादा ब्राह्मण नेता और कार्यकर्ता बसपा दफ्तर पहुंचे थे जहां आगे की रणनीति पर चर्चा हुई थी। बीएसपी 2007 के फॉर्मूले पर वापस लौट रही है। दलित ब्राह्मण ओबीसी इस फॉर्मूले के साथ मायावती 2022 चुनाव में उतरेंगी। गौरतलब है कि साल 2007 में मायावती ने बड़ी संख्या में ब्राह्मणों को चुनावी मैदान में टिकट देकर उतारा था। मायावती की यह रणनीति सफल भी रही थी और बीएसपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी थी। 2022 के विधानसभा चुनाव को देखकर सभी राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने दांवपेच खेल रही हैं।बता दें कि मायावती ने 2007 में यूपी के चुनाव में 403 में से 206 सीटें जीतकर और 30 फीसदी वोट के साथ सत्ता हासिल करके देश की सियासत में तहलका मचा दिया था।बसपा 2007 का प्रदर्शन कोई आकस्मिक नहीं था बल्कि उसके पीछे मायावती की सोची समझी रणनीति थी। प्रत्याशियों की घोषणा चुनाव से लगभग एक साल पहले ही कर दी गई थी। इसके अलावा ओबीसी, दलितों, ब्राह्मणों, और मुसलमानों के साथ एक तालमेल बनाया था। बसपा इसी फॉर्मूले को फिर से जमीन पर उतारने की फिराक में है।