नई दिल्ली:- भारत ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान लगभग 4.7 करोड़ नौकरियां जोड़ी हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। इसके साथ ही अर्थव्यवस्था के 27 क्षेत्रों में कुल नियोजित लोगों की संख्या बढ़कर 64.33 करोड़ हो गई है। मार्च, 2023 के अंत में इन 27 क्षेत्रों में कार्यरत लोगों की संख्या 59.67 करोड़ थी। आरबीआई ने अपनी वेबसाइट पर ‘उद्योग स्तर पर उत्पादकता मापन – भारत केएलईएमएस आंकड़े’ शीर्षक के तहत ये आंकड़े प्रकाशित किए हैं।
आरबीआई द्वारा दिया गया यह आँकड़ा अनंतिम है। यह जानकारी आरबीआई की (KLEMS) केएलईएमएस डाटा रिपोर्ट में सामने आई है। इस रिपोर्ट में 2023-24 के अलावा पिछले वर्षों में पैदा हुए रोजगार का आँकड़ा भी है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2017-18 के बाद रोजगार जारी होने में तेजी आई है।
रिपोर्ट के अनुसार, 2017-18 से लेकर 2021-22 के बीच देश में लगभग 8 करोड़ से अधिक रोजगार पैदा हुए हैं। यानी इस दौरान देश में औसतन हर साल 2 करोड़ से रोजगार लोगों को मिले हैं। यह इसलिए बड़ी उपलब्धि है क्योंकि इस दौरान कोविड महामारी के कारण अर्थव्यवस्था को भी बड़ा झटका लगा था।
27 उद्योग हैं शामिल
यहां केएलईएमएस का आशय पूंजी (के), श्रम (एल), ऊर्जा (ई) सामग्री (एम) और सेवा (एस) से है। आंकड़ों में संपूर्ण भारतीय अर्थव्यवस्था के 27 उद्योगों को शामिल किया गया है। इस तरह कृषि, व्यापार और वित्तीय सेवाओं सहित 27 क्षेत्रों में कार्यरत लोगों की संख्या 2023-24 में छह प्रतिशत बढ़ी, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में इसमें 3.2 प्रतिशत वृद्धि हुई थी।
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