नई दिल्ली:- 1 जुलाई से लागू होने जा रहे नए आपराधिक कानूनों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए पोस्टर लगाए जा रहे हैं। 1 जुलाई से लागू होने वाले 3 नए आपराधिक कानूनों पर स्पेशल सीपी छाया शर्मा ने कहा, “आज से 3 नए आपराधिक कानून लागू होना शुरू गए हैं। आज से इसमें FIR दर्ज होना भी शुरू हो जाएंगे। इस विषय में हमने ट्रेनिंग 5 फरवरी से शुरू कर दी थी। जो जांच में बदलाव लाए गए हैं उसको हमने बहुत ठीक से समझाया है। इस कानून से हम दंड से न्याय की ओर जा रहे हैं। इसमें डिजिटल साक्ष्य में बहुत जोर दिया गया है इसका मतलब है कि अब साक्ष्य डिजिटली रिकॉर्ड होंगे और जब डिजिटली रिकॉर्ड होता है तो बहुत ज्यादा बदलाव नहीं किया जा सकता। डिजिटली रिकॉर्ड से कोर्ट को समझने में ज्यादा आसानी होगी। दिल्ली पुलिस ने ऐप भी बनाया है। दिल्ली पुलिस के करीब 45000 लोग बिलकुल प्रशिक्षित हैं हम इसके लिए तैयार हैं। हमने एक पॉकेट बुकलेट तैयार की है जिसे 4 भागों में विभाजित किया गया है और इसमें आईपीसी से लेकर बीएनएस तक, बीएनएस में जोड़ी गई नई धाराएं, श्रेणियां जो अब 7 साल की सजा के अंतर्गत आती हैं और एक तालिका शामिल है इसमें रोजमर्रा की पुलिसिंग के लिए आवश्यक अनुभाग शामिल हैं।”
3 नए आपराधिक कानूनों पर पुडुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल और पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने कहा,” इससे मुझे सबसे बड़ा लाभ यह दिखता है कि इससे जवाबदेही, पारदर्शिता, प्रौद्योगिकी, पीड़ितों के अधिकार, अदालतों में त्वरित सुनवाई, अभियुक्तों के अधिकारों के लिए पुलिस को फिर से प्रशिक्षण मिल रहा है। सबसे ज्यादा टेक्नोलॉजी का रेजोल्यूशन हो रहा है क्योंकि अब FIR टेक्नोलॉजिकल हो जाएंगी, चार्जशीट टेक्नोलॉजी हो जाएंगी।”
3 नए आपराधिक कानूनों पर भारत सर्वोच्च न्यायालय की वरिष्ठ वकील गीता लूथरा ने कहा, “मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट के इतने सारे फैसलों का सारांश इन नए कानूनों में डाल दिया गया है। आलोचना थी कि हमारे सिस्टम में देरी हो रही है। इसलिए इसे हल करने के लिए एक समाधान की आवश्यकता थी। उन्होंने कहा है कि अब 30 दिन के अंदर फैसला आना चाहिए।”