नई दिल्ली:- चीन काफी सालों से एलएसी के पास तेजी से निर्माण कार्य कर रहा है। वहीं भारत ने भी चीन को जवाब देने की तैयारी कर ली है। लद्दाख के लेह एयरबेस पर भारत दूसरा रनवे बना रहा है। ये एयर बेस चीन की सैन्य गतिविधियों पर नजर रखने के लिए बेहद जरूरी होगा। भारतीय सेना चालबाज चीन को हर मोर्चे पर मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी में है। लद्दाख में एयर बेस पर नया रनवे बनाया जा रहा है। ये वही क्षेत्र है जहां पर पिछले कुछ सालों से भारत और चीन की सेना के बीच टकराव देखने को मिला है.l।
चीन ने हाल ही में हॉटन एयर बेस पर एक नया रनवे बनाकर भारत को चुनौती देने की कोशिश की थी। भारत के इस कदम को चीन को जवाब के तौर पर देखा जा रहा है। इतना ही नहीं सेना पूर्वी लद्दाख में नई डिवीजन तैनात करने की योजना बना रही है।
अप्रैल 2024 में सैटेलाइन तस्वीरें सामने आईं थीं, उनसे पता चला कि चीन बड़े पैमाने पर सामरिक तैयारियां कर रहा है। हॉटन एयरबेस पर एक रनवे होने के बाद भी चीन ने दूसरा रनवे बनाया। इसी चीज को देखते हुए भारत ने भी लद्दाख के लेह एयर बेस पर भी नया रनवे बनाने का फैसला किया। चाइना पावर प्रोजेक्ट के मुताबिक, चीन डोकलाम गतिरोध के बाद तिब्बत और शिनजियांग में लगभग 31 हवाई अड्डों और हेलीपोर्ट्स को विकसित कर रहा है।
10 हजार फीट की ऊंचाई पर देश का पहला एयर बेस जहा होंगे 2 रनवे
जब कड़ाके की ठंड पड़ती है तो इलाके के सभी रास्ते बंद हो जाते हैं, तब यही एयरबेस सैनिकों और जरूरी सामान को लाने और ले जाने का एक मात्र जरिया है। 10 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित ये एयर बेस देश का पहला ऐसा एयर बेस होगा जिस पे दो रनवे मौजुद होंगे। पहला रनवे 2752 मीटर लंबा है जबकि नया बन रहा दूसरा रनवे 2 हजार मीटर लंबा होगा। खास बात ये है कि इसी एयर बेस पर राफेल, मिग-29, सुखोई-30 और अपाचे हेलीकॉप्टर तैनात कर रखे हैं।
चीन को सबक सिखाने के लिए भारत है तैयार
भारत ने चबुआ एयर बेस पर नए रडार लगाए हैं, जिस से सेना को हवाई खतरों का पता लगाने और उन्हें ट्रैक करने में मदद मिलती है। साथ ही पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में स्थित बागडोगरा एयर बेस को भी अपग्रेड करने का काम भी चल रहा है। वहीं, लद्दाख के न्योमा एयर बेस को भी डेवलप किया जा रहा है।
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