चंद्रयान :-पिछले साल अगस्त महीने में भारत के चंद्रयान-3 को तब बड़ी सफलता मिली, जब चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग हुई थी। दुनियाभर से इसरो की प्रशंसा की गई।
इसके बाद जापान ने अपना मून मिशन लॉन्च किया। हालांकि, लैंडिंग मन मुताबिक नहीं हुई, जिसकी वजह से माना जाने लगा कि जापान का चंद्रयान ज्यादा समय तक चांद पर जिंदा नहीं रह सकेगा, लेकिन तीसरी बार उसने चमत्कार कर दिया है। जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी के अनुसार, उसका स्नाइपर लैंडर यानी कि जापान का चंद्रयान तीसरी बार जिंदा हो गया है।
नासा के मुताबिक, चांद पर जब रात होती है, तब वहां का तापमान शून्य से 208 डिग्री फ़ारेनहाइट (शून्य से 133 डिग्री सेल्सियस नीचे) तक गिर जाता है। सीएनएन की रिपेार्ट के अनुसार, जापान के मून स्नाइपर से एक चंद्र रात को भी झेलने की उम्मीद नहीं थी। जापान के चंद्रयान का रोबोटिक वाहन, जिसे एसएलआईएम या चंद्रमा की जांच के लिए स्मार्ट लैंडर के रूप में भी जाना जाता है, यह पहली बार इस साल 19 जनवरी को चंद्रमा की सतह पर उतरा था।
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