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फर्जीवाड़ा: बगैर मान्यता प्राप्त विद्यालय कागजी अभिलेखों में की हेरा फेरी, विद्यालय को कराया गया बंद

विवेक मिश्रा की खास रिपोर्ट

सोनभद्र (उत्तर प्रदेश):- दस्तक हिंदुस्तान की खबर का असर सोनभद्र घोरावल में 2 वर्षों से बगैर मान्यता के संचालित विद्यालय को जिला विद्यालय निरीक्षक ने बंद करते हुए यह भी चेतावनी दिया कि भविष्य में कभी बगैर मान्यता के यदि विद्यालय संचालित होते पाया गया तो तत्काल प्राथमिकी दर्ज कराया जाएगा।

दस्तक हिंदुस्तान के ब्यूरो चीफ विवेक मिश्रा ने 12 अप्रैल को प्रकाशित खबर के माध्यम से बगैर मान्यता प्राप्त संचालित विद्यालय को प्रमुखता से उजागर किया था, जिस पर जिलाधिकारी सोनभद्र द्वारा मामले को संज्ञान में लेते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक को जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी गई।

जिला विद्यालय निरीक्षक ने राजकीय विद्यालय घोरावल के प्रधानाचार्य अनिल यादव से “द एजुकेशनल सर्किल” की जांच कराई गई जिसमें यह पुष्ट हो गया कि वास्तव में बगैर मान्यता के यह विद्यालय संचालित किया जा रहा था जिला विद्यालय निरीक्षक ने दस्तक हिंदुस्तान को बताया कि बोर्ड को हटवाते हुए यह चेतावनी भी दिया गया कि बगैर मान्यता प्राप्त विद्यालय कदापि संचालित नहीं किया जाएगा, अगर भविष्य में दोबारा कभी भी शिकायत प्राप्त होती है तो तत्काल संबंधित के विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज करवाया जाएगा।

उन्होंने यह भी बताया की बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा, सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब शिक्षा विभाग के संबंधित अधिकारी को यह बात सिद्ध हो गई की वास्तव में उपरोक्त विद्यालय बगैर मान्यता के ही संचालित किया जा रहा था ऐसे में जिम्मेदारों के प्रति क्या कार्रवाई होनी चाहिए तथा जिलाधिकारी इस गंभीर विषय पर कौन सा रवैया अपनाते हैं यह तो आने वाला समय ही बतायेगा।

फिलहाल इस बात की चर्चा घोरावल नगर पंचायत में तेजी के साथ हो रही है वर्तमान सूबे की सरकार में जीरो टॉलरेंस नीति पर कार्य करने वाली अधिकारियों को गुमराह करते हुए स्थानीय नगर पंचायत में धड़ल्ले के साथ संचालित किया जा रहा था और वह भी किराए के मकान में,

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