नई दिल्ली:- CAA लागू होने के बाद दिल्ली पुलिस और RAF ने दिल्ली के सीलमपुर इलाके में फ्लैग मार्च किया। CAA लागू होने के बाद दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के बाहर दिल्ली पुलिस और RAF की तैनाती देखी गई।
CAA अधिसूचना पर कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा, “इस नियम को लाने में उन्हें 4 साल और 3 महीने लग गए। विधेयक दिसंबर 2019 में पारित किया गया था। 3-6 महीने के अंदर कानून बन जाना चाहिए था। मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से नौ एक्सटेंशन मांगे और कल रात नियमों को अधिसूचित करने से पहले 4 साल और 3 महीने का समय लिया। ये सिर्फ ध्रुवीकरण के लिए हैं- बंगाल और असम में चुनावों को प्रभावित करने के लिए। अगर वे इसे ईमानदारी से कर रहे थे तो वे इसे 2020 में क्यों नहीं लाए? वे इसे अब चुनाव से एक महीने पहले ला रहे हैं। यह हेडलाइन मैनेजमेंट है। यह सामाजिक ध्रुवीकरण की रणनीति है।”
CAA अधिसूचना पर ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक यूथ फ्रंट(AIUDYF) के अध्यक्ष जहरुल इस्लाम बादशाह मे कहा, “यह एक सांप्रदायिक अधिनियम है। हम शुरू से ही इसका विरोध करते आये हैं और आगे भी करते रहेंगे। हमारी पार्टी इसका विरोध करती है। इसके जरिए देशभर में सांप्रदायिक भावनाएं फैलाई जा रही हैं। यह असम की भाषा और संस्कृति को खत्म करने का प्रयास है। हम असाम के निवासी होने के नाते इसका विरोध करते हैं।”
CAA अधिसूचना पर असम कांग्रेस विधायक अब्दुर रशीद मंडल ने कहा, “इस अधिनियम का पहले ही सभी राजनीतिक दलों द्वारा विरोध किया जा चुका है – संसद के अंदर और उसके बाहर यह पूरी तरह से भेदभावपूर्ण अधिनियम और असंवैधानिक है क्योंकि सरकार धर्म के आधार पर नागरिकता देने की कोशिश कर रही है जो भारतीय संविधान के प्रावधानों के तहत स्वीकार्य नहीं है। इसका पूरे देश के साथ-साथ असम में भी विरोध हुआ है।”
केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की अधिसूचना जारी करने पर भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य ने कहा, “यह अच्छा फैसला है। लंबे समय से इसकी जरूरत थी। पड़ोसी देश के अल्पसंख्यकों को भारत में सम्मानपूर्वक न्याय मिलेगा। बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं की घुसपैठ भी रुकेगी।”
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की अधिसूचना जारी होने पर उत्तर पूर्वी दिल्ली के DCP जॉय टिर्की ने कहा, “CAA को आज अधिसूचित कर दिया गया है। फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी जिले में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई थी। उस समय हमें बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ा था। हमें अंदाजा था कि इसे (CAA) लागू किया जाएगा और इसलिए हमने कुछ तैयारियां कीं हमने लोगों को साफ कर दिया है कि यह एक प्रगतिशील कदम है। हम सोशल मीडिया की भी जांच कर रहे हैं।