नई दिल्ली :- सरकार ने एक्स्ट्रा बिजली और लेट पेमेंट अधिभार से जुड़े नियमों में संशोधन किया है। नए नियम के तहत जो बिजली उत्पादक अपनी अतिरिक्त बिजली की पेशकश नहीं करेंगे, वे अब उस बिना उपयोग की गई बिजली की मात्रा के अनुरूप क्षमता या निश्चित शुल्क का दावा नहीं कर सकेंगे। इससे अतिरिक्त बिजली की बिक्री और उपयोग की संभावना बढ़ेगी। सरकार ऐसा कर 24 घंटे बिजली आपू्र्ति के लक्ष्य को पूरा करना चाहती है। उपभोक्ताओं को बिजली की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने और बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए यह कदम उठाया गया है। देश में बिजली खपत फरवरी में सालाना आधार पर आठ प्रतिशत से अधिक बढ़कर 127.79 अरब यूनिट (बीयू) हो गई।
क्यों बदला गया नियम
केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कहा कि कुछ बिजली उत्पादक इस अधिशेष बिजली को बाजार में नहीं ला रहे हैं, जिसके चलते राष्ट्रीय स्तर पर बिना उपयोग की बिजली क्षमता बढ़ रही है।इस समस्या का समाधान निकालने और उपलब्ध बिजली के अधिकतम उपयोग के लिए यह व्यवस्था की गई है कि जो बिजली उत्पादक अपनी अतिरिक्त बिजली की पेशकश नहीं करेंगे, वे अब उस बिना उपयोग की गई बिजली की मात्रा के अनुरूप क्षमता या निश्चित शुल्क का दावा नहीं कर सकेंगे।इससे अतिरिक्त बिजली की बिक्री और उपयोग की संभावना बढ़ेगी।