लखनऊ (उत्तर प्रदेश):- उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार आध्यात्मिक स्थलों के विकास पर खास ध्यान दे रही है। जिस तरह से अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, यहां पिछले महीने प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम पूरे धूमधाम से बनाया गया उसे पूरी दुनिया ने देखा। अहम बात यह है कि आध्यात्मिक स्थलों के विकास के जरिए प्रदेश की सरकार ना सिर्फ लोगों की आस्था का सम्मान कर रही है बल्कि इससे पर्यटन के क्षेत्र को भी बढ़ावा मिल रहा, जिससे ना सिर्फ प्रदेश का आर्थिक विकास हो रहा है बल्कि युवाओं के लिए रोजगार का सृजन हो रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आध्यात्मिक और धार्मिक स्थलों के विकास के लिए इन्हें भी महायोजना का हिस्सा बना दिया है। शनिवार को मुख्यमंत्री ने विकास प्राधिकरणों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक में स्पष्ट तौर पर कहा कि धार्मिक स्थलों को भी महायोजना का हिस्सा बनाया जाना चाहिए।
गौर करने वाली बात है कि उत्तर प्रदेश में कई आध्यात्मिक और धार्मिक आस्था के केंद्र शहरों को योगी सरकार विशेष रूप से विकसित कर रही है। जिसमे मुख्य रूप से अयोध्या, वाराणसी, प्रयागराज, चित्रकूट, नैमिषारण्य धाम, मथुरा आदि शामिल हैं।
इन तमाम शहरों को धार्मिक आस्था के साथ आध्यात्मिक पर्यटन के केंद्र के तौर पर तेजी से विकसित किया जा रहा है। प्रदेश सरकार की यह मुहिम रंग लाती दिख रही है। बड़ी संख्या में इसके चलते प्रदेश में श्रद्धालु और पर्यटकों की आमद बढ़ी है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि शहरों की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार प्लान को तैयार किया जाए। हर जिले में कुछ ना कुछ खास होता है, लिहाजा महायोजना के तहत इसे प्रोत्साहन देना चाहिए।
स्थानीय शिल्प,वास्तुकला, परंपरागत उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए क्लस्टर को विकसित करने का भी मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है। साथ ही आईटीआई की स्थापना के लिए औद्योगिक क्षेत्रों में स्थान भी चिन्हित करने का अधिकारियों को निर्देश दिया गया है।
अहम बात यह है कि किसी भी तरह की जमीन की जानकारी ऑनलाइ अपडेट करने की भी प्रदेश सरकार पूरी तैयारी कर रही है। इसको लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कोई भी व्यक्ति खसरा संख्या से जमीन की स्थिति ऑनलाइन आसानी से हासिल कर सके, इसकी व्यवस्था की जाए।