यूएई। संयुक्त अरब अमीरात के एक डिप्लोमेट ने यूएई मंदिर को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि साल 2015 में एक यात्रा के दौरान खाड़ी देश में हिंदू मंदिर के लिए भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुरोध किया था। राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने महज ‘पांच मिनट’ में हिंदू मंदिर के निर्माण के लिए सहमत हो गए।
यूएई राष्ट्रपति के राजनयिक सलाहकार अनवर मोहम्मद गर्गश ने शुक्रवार को नई दिल्ली में एक व्याख्यान के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि ‘जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (यूएई) आए, तो एक भव्य हिंदू मंदिर निर्माण के लिए भारतीय समुदाय को जमीन देने का अनुरोध किया।’ गर्गश ने दर्शकों को बताया कि हमने इस डिमांड को रिश्ते की शुरुआती परीक्षा के रूप में देखा।
यूएई-भारत के रिश्तों में हिंदू मंदिर!
गर्गश साल 2008 से 2021 तक यूएई के विदेश मामलों के राज्य मंत्री के रूप में भी काम कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि सहमत होने के बाद शेख मोहम्मद बिन जायद ने कहा कि ‘चलो सही जगह ढूंढ़ते हैं।’ गर्गश ने कहा इस मंदिर का निर्माण ‘अनदेखे जैतून के बगीचे’ जैसा था। अरब अमीरात में हिंदू मंदिर के निर्माण पर गर्गश ने आश्चर्य जताते हुए इन बातों को कहा। उन्होंने कहा कि हिंदू मंदिर भारत-यूएई के बेहतर रिश्तों का साक्षात प्रमाण है।
यूएई के डिप्लोमेट ने बताया कि अपने भाई और देश के तत्कालीन राष्ट्रपति शेख खलीफा के खराब स्वास्थ्य के कारण 2015 में शेख मोहम्मद बिन जायद यूएई के नेता के रूप में कार्यरत थे। साल 2022 में शेख मोहम्मद यूएई के राष्ट्रपति बने और उनकी देखरेख में नई दिल्ली के साथ संबंध आज भी बेहतर हैं।