नई दिल्ली :- वास्तु शास्त्र में बहुत सारे वास्तु नियमों के बारे में बताया है। वास्तु शास्त्र के अंतर्गत दिशाओं को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। शास्त्रों में कहा गया है कि वास्तु के हिसाब से यदि कोई भी काम किया जाए तो वह अच्छा ही होता है। ऐसी मान्यता है कि अगर घर के कमरे या कोई स्थान वास्तु के हिसाब से नहीं बना है तो उस पर नाकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। वास्तु शास्त्र में हर एक स्थान के लिए कुछ वास्तु नियम बताए गए हैं। घर की रसोईघर घर का प्रमुख हिस्सा होता है। जहां हर रोज भोजन पकाया जाता है। ऐसे में जरूरी होता है कि हमारा किचन वास्तु के हिसाब से सही होना चाहिए। आइए जानते हैं किचन से जुड़ें वास्तु नियमों के बारे में।
Vastu Tips For Kitchen (किचन के लिए वास्तु टिप्स)
खिड़की दरवाजे की दिशा
वास्तु केअनुसार किचन के खिड़ी दरवाजे उत्तर या पूर्व दिशा की ओर खुलने वाले होने चाहिए। ऐसा होने से घर में सूर्य की रोशनी आती हैं और किचन में साकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है। किचन की खिड़की पश्चिम दिशा की ओर खुले तो ये लाभकारी होता है।
किचन की दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार किचन हमेशा उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। इस दिशा में किचन होने से घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती है। किचन के कैबिनेट लिए दक्षिण या पश्चिम दिशा सबसे ठीक मानी जाती है।
गैस रखने का स्थान
किचन में गैस-सिलेंडर हमेशा दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना चाहिए। ये दिशा सबसे उत्तम मानी जाती है। खाना बनाते समय आपका मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। शास्त्रों में पूर्व दिशा को लाभकारी माना गया है।
पानी रखने का स्थान
वास्तु के नियम के हिसाब से किचन में हमेशा पानी उत्तर-पूर्व दिशा में रखना चाहिए। ऐसा करने से पेट से संबंधी समस्या कभी नहीं होती साथ ही सेहत भी बनी रहती है।
बिजली का सामान रखने की दिशा
किचन में ओवन, माइक्रोवेव जैसे बिजली का सामान हमेशा दक्षिण पूर्व दिशा में रख सकते हैं। ये दिशा इन सामानों को रखने के लिए सबसे उचित दिशा मानी जाती है। ऐसा करने से बिजली से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है।