नई दिल्ली:- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समन में शामिल नहीं होंगे। यह छठी बार होगा है, जब वह दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले के संबंध में पूछताछ के लिए उपस्थित होने में विफल रहे हैं। AAP ने अपना रुख दोहराते हुए समन को अवैध घोषित किया है और कहा है कि मामला अब अदालत के समक्ष है।
वहीं 17 फरवरी को सीएम केजरीवाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए थे। मुख्यमंत्री ने कोर्ट को बताया कि विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और चालू बजट सत्र के कारण वे आज अदालत में वे शारिरिक रूप से उपस्थित नहीं हो सके।
केजरीवाल खुद को देश के कानून और संविधान से ऊपर मानते
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ED के छठे समन पर पेश न होने पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरूण चुघ ने कहा, “केजरीवाल खुद को देश के कानून और संविधान से ऊपर मानते हैं। वे जांच एजेंसियों के सामने जाने से डर क्यों रहे हैं? केजरीवाल की दिल्ली और पंजाब की सरकार पूरी तरह खनन, शराब और मोहल्ला क्लिनिक की लूट में लिप्त है।”
ईडी ने खुद अदालत का रुख किया था
आम आदमी पार्टी (AAP) ने आज जारी एक बयान में इस बात पर जोर दिया कि ईडी ने खुद अदालत का रुख किया था। पार्टी ने सुझाव दिया कि ED को बार-बार समन जारी करने के बजाय मामले की वैधता पर अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए। केजरीवाल और ईडी के बीच चल रही कानूनी लड़ाई बढ़ गई है। जांच एजेंसी लगातार दिल्ली के मुख्यमंत्री को तलब कर रही है, जिन्होंने लगातार इसका पालन करने से इनकार कर दिया है।
IPC की धारा 174 के तहत कोर्ट ने यह माना कि समन सही
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ED के छठे समन पर पेश न होने पर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, “IPC की धारा 174 के तहत कोर्ट ने यह माना कि समन सही है और उन्हें पेश होना चाहिए, समन को गैरकानूनी कहना न्यायालय की अवमानना है। कानून और जांच एजेंसी अपना काम कर रही है और अरविंद केजरीवाल को आज नहीं तो कल शराब घोटाले की सच्चाई दिल्ली की जनता के सामने लानी पड़ेगी।”