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बॉर्डर पर डटे किसान बोले-अब नहीं जाएंगे वापस

नई दिल्ली :- हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर गांव दातासिंह वाला के पास डटे किसानों का रविवार का दिन सरकार से बातचीत को लेकर चंडीगढ़ में हुई बैठक के फैसले आने में ही बीत गया। किसानों की तरफ से अभिमन्यु कोहाड़, लखविंद्र सिंह पोलख और जत्थेदारी कोडवुडा रविवार को चंडीगढ़ में सरकार के साथ हुई बैठक में शामिल होने के लिए दातासिंह वाला बॉर्डर से रवाना हुए। दातासिंह वाला बॉर्डर पर पिछले तीन-चार दिन से शांति बनी हुई है। बॉर्डर पर किसान और पुलिस फोर्स का दिन शांति से गुजर रहा है। रविवार को भी किसानों की बैठकों का दौर जारी रहा। बैठक में आगामी कार्रवाई की योजना बनाते रहे। किसानों को उम्मीद है कि उनकी मांगों को सरकार मान लेगी। दातासिंह वाला बॉर्डर पर सभी किसानों ने अपने-अपने ट्रैक्टर ट्रॉलियों के पास टेंट गाड़ने और बड़े-बड़े तिरपाल लगाने शुरू कर दिए हैं। वहीं मौजूद साध संगत लगातार किसानों के लिए लंगर की व्यवस्था कर रही है। जगह-जगह लंगर लगाकर प्रसाद वितरित कर रहे हैं। बॉर्डर पर किसान टोलियों में बैठकर गाने गाकर मनोरंजन करते हुए भी दिखाई दिए। किसानों का कहना है कि यदि मांगों पर सहमति नहीं बनी तो सोमवार को आंदोलन तेज कर दिया जाएगा।

रविवार को बढ़ी किसानों की तादाद

किसान आंदोलन में धीरे-धीरे लोग जुड़ने शुरू हो गए हैं। रविवार को दातासिंह वाला बॉर्डर पर काफी किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में सवार होकर पहुंचे। वह ट्रैक्टर-टॉलियों में सब्जी, आटा, चीनी, दूध, चाय, चीनी और फल रखे हुए थे। जगह-जगह लंगर की व्यवस्था शुरू की गई। किसानों का कहना था कि वह अब वापस नहीं जाएंगे। सरकार को उनकी मांग माननी पड़ेगी। अभी तो वह अकेले आएं हैं। यदि सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो वह बच्चों के साथ आंदोलन में शामिल होेंगे। वह इस बार पूरी तैयारी के साथ आए हैं।

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