कोलकाता (पश्चिम बंगाल):- पश्चिम बंगाल में संदेशखाली घटना से संबंधित संसद आचार समिति के नोटिस के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। मामले को आज तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में उल्लेखित किए जाने की संभावना है। संदेशखाली हिंसा मामले के एक आरोपी टीएमसी नेता शिबू हाजरा को बशीरहाट उपमंडल अदालत ने 8 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। इससे संदेशखाली मामले को लेकर पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार बैकफुट पर आ गई है।
ममता बनर्जी ने कहा,” जिसकी जमीन पर कब्जा किया गया है। उनको वो वापस मिलेगी। बीरभूम में एक जनसभा में ममता बनर्जी ने कहा कि किसी ने कोई एफआईआर दर्ज नहीं कराई है, लेकिन मैंने पुलिस से कहा है खुद मामले का संज्ञान लेकर केस दर्ज करें। जिसकी जमीन पर कब्जा है उन्हें वापस दिया जाएगा।
बीजेपी के कई नेताओं पर भ्रष्टाचार के केस
ममता बनर्जी ने कहा,” पंजाब, हरियाणा, दिल्ली सब जल रहा है। पहले ईडी को भेजा गया, फिर लड़ाई लगाई गई। इसके बारे में मैंने पुलिस से कहा है कि लोगों से बात करो, जो शिकायत है देखो। ममता बनर्जी ने कहा कि बीजेपी के कई नेताओं पर भ्रष्टाचार के केस हैं। मैं क्या उन लोगों को गिरफ्तार नहीं कर सकती? ममता बनर्जी ने कहा कि एनआरसी बंगाल में लागू नहीं होने देंगे।
राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए
संदेशखाली की घटना पर RJD सांसद मनोज कुमार झा ने कहा, “इस तरह की घटना किसी भी राज्य में हो उसे राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए। संदेशखाली मे जो हो रहा है, आप उसका राजनीतिक इस्तेमाल कर रहे हैं। राज्यों को एक पोलराइज वातावरण में झोंक देना चाहते हैं जो स्वस्थ लोकतंत्र के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है।”