नई दिल्ली:- संसद में राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में देश की नारी शक्ति, युवा शक्ति, गरीब और हमारे किसान, मछुआरों की चर्चा की है। क्या जब देश के युवा की बात होती है तो सभी वर्ग के युवाओं की बात नहीं होती? क्या जब महिलाओं की बात होती है तो देश की सभी महिलाएं उसमें नहीं आती? कब तक टूकड़ो में सोचते रहेंगे? कब तक समाज को बांटते रहेंगे?”
कांग्रेस को एक अच्छा विपक्ष बनने का बहुत बड़ा अवसर मिला और 10 साल कम नहीं होते। लेकिन 10 साल में उस दायित्व को निभाने में भी वे पूरी तरह विफल रहे। जब वे खुद विफल हो गए तो विपक्ष में और भी होनहार लोग हैं उन्हें भी उभरने नहीं दिया। एक ही प्रोडक्ट बार-बार लॉन्च करने के चक्कर में कांग्रेस की दुकान पर ताला लगाने की नौबत आ गई है।
शासन के 10 वर्षों के अनुभव के आधार पर, आज की मजबूत अर्थव्यवस्था और आज भारत जिस तीव्र गति से प्रगति कर रहा है, उसे देखते हुए मैं विश्वास से कहता हूं कि हमारे तीसरे कार्यकाल में भारत तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति होगा। ये मोदी की गारंटी है।
हम किस परिवारवाद की चर्चा करते हैं। अगर किसी परिवार में अपने बलबूते पर जनसमर्थन से एक से अधिक लोग अगर राजनीतिक क्षेत्र में प्रगति करते हैं तो उसको हमने कभी परिवारवाद नहीं कहा। हम उस परिवारवाद की चर्चा करते जो पार्टी परिवार चलाती है। जो पार्टी परिवार के लोगों को प्राथमिकता देती है। जिस पार्टी के सारे निर्णय परिवार के लोग की करते हैं। वे परिवारवाद है। राजनाथ सिंह और अमित शाह की कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है। इसलिए जहां एक परिवार को पार्टियां लिखी जाती है वे लोकतंत्र में उचित नहीं है। एक परिवार के 10 लोग राजनीति में आए कुछ बुरा नहीं है।
हमारे लक्ष्य कितने बड़े होते हैं, हमारे हौसले कितने बड़े होते हैं वह आज पूरी दुनिया देख रही है। हमारे उत्तर प्रदेश में कहावत कही जाती है ‘9 दिन चले ढाई कोस’ और यह कहावत पूरी तरह कांग्रेस पार्टी को परिभाषित करती है। कांग्रेस की सुस्त रफ्तार का कोई मुकाबला नहीं है। हमने गरीबों के लिए 4 करोड़ घर बनाए। शहरी गरीबों के लिए हमने 80 लाख पक्के मकान बनाए। अगर ये कांग्रेस की गति से बने होते। तो इस काम को करने में 100 साल लग जाते। तब तक पांच पीढ़ियां गुजर जाती।
कांग्रेस ने देश के सामर्थ्य पर कभी विश्वास नहीं किया। वे अपने आप को शासक मानते रहे और जनता को कमतर आंकते रहे। कांग्रेस का विश्वास सिर्फ एक परिवार पर ही रहा है, एक परिवार के आगे वे न कुछ सोच सकते हैं और न देख सकते हैं। कुछ दिन पहले भानुमति का कुनबा जोड़ा लेकिन फिर एकला चलो रे करने लग गए। अलायंस का ही अलाइनमेंट बिगड़ गया।
15 अगस्त को लाल किले से प्रधानमंत्री नेहरू ने कहा था कि “हिंदुस्तान में काफी मेहनत करने की आदत आमतौर पर नहीं है। हम इतना काम नहीं करते जितना विदेशी देशों के लोग करते हैं। यह ना समझिए वे देश कोई जादू से खुशहाल हो गए हैं वे अक्ल और मेहनत से खुशहाल हुए हैं।”
नेहरू जी कि भारतीयों के प्रति सोच थी की भारतीय कम अक्ल के लोग होते हैं। जिन उपलब्धियों का देश लंबे समय से इंतजार कर रहा था वे सारे काम हमने दूसरे कार्यकाल में पूरे होते देखे। हम सबने 370 खत्म होते देखा। नारी शक्ति वंदन अधिनियम दूसरे कार्यकाल में कानून बना। अंतरिक्ष से लेकर ओलम्पिक तक, सशस्त्र बलों से संसद तक नारी शक्ति के सामर्थ्य की गूंज उठ रही है।
हमारी सरकार का तीसरा कार्यकाल अब ज्यादा दूर नहीं है। सिर्फ 100-125 दिन बाकी हैं… मैं संख्याओं पर नहीं जाता लेकिन मैं देश का मूड देख सकता हूं। इससे NDA 400 के पार पहुंच जाएगी और भाजपा को 370 सीटें जरूर मिलेंगी। तीसरा कार्यकाल बहुत बड़े फैसले लेने वाला होगा।
कांग्रेस पार्टी और यूपीए सरकार ने OBC के साथ न्याय नहीं किया। कुछ दिन पहले ही कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित किया गया। 1970 में जब वे बिहार के मुख्यमंत्री बने तो उनकी सरकार को अस्थिर करने के लिए क्या-क्या नहीं किया गया। कांग्रेस OBC को बर्दाश्त नहीं कर सकती। वे गिनती करते रहते हैं कि सरकार में कितने OBC हैं। क्या आप (कांग्रेस) यहां सबसे बड़ा OBC नहीं देख सकते?
10 वर्षों में पर्यटन क्षेत्र में अभुतपूर्व उछाल आया है। सामान्य से सामान्य व्यक्ति को भी रोजगार देने वाला और स्वरोजगार की सबसे ज्यादा संभावनाओं वाला यह क्षेत्र है। 10 वर्ष में एयरपोर्ट दोगुने बढ़े हैं।
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