चंडीगढ़ (हरियाणा):- पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने शुक्रवार को शिरोमणि अकाली दल प्रमुख और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को अग्रिम जमानत दे दी। बादल 2015 में कोटकपुरा और बहबल कलां में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी का आदेश देने के आरोप का सामना कर रहे हैं।
विशेष जांच दल के आरोप पत्र में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के बाद गोलीबारी के मामले और उसके बाद हुई हिंसा के लिए सुखबीर बादल और उनके पिता प्रकाश सिंह बादल को दोषी ठहराया गया था। जिसमें पुलिस बल पर ज्यादती का आरोप लगाया गया था जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी।
न्यायमूर्ति अनूप चितकारा ने पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी पूर्व आईजीपी परमराज उमरानगल और तीन अन्य को भी राहत दी है।
हाईकोर्ट ने 22 अगस्त को जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया था और कहा था कि अपराध की भयावहता निस्संदेह बहुत बड़ी थी लेकिन सबूत अनुमानों पर आधारित थे। प्रथम दृष्टया मकसद के बारे में सबूतों का अभाव है।
पीठ ने कहा कि एसआईटी का मामला यह नहीं है कि कोई भी आरोपी सिख समुदाय और सिख धर्म में असीम आस्था रखने वाले अन्य लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए किसी अभियान का नेतृत्व कर रहा था।
आगे कहा कि सबूतों की गुणवत्ता के आधार पर वह किसी भी साजिश के अस्तित्व का अनुमान नहीं लगा सकते हैं और यदि ऐसा चरण आता है तो मामले के बाद के चरणों के दौरान अभियोजन पक्ष को इसे साबित करना होगा।
फरवरी में एसआईटी द्वारा फरीदकोट की अदालत में आरोप पत्र दायर करने के बाद अग्रिम जमानत याचिकाएं दायर की गईं थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल पर साजिश को अंजाम देने में मदद करने का आरोप लगाया गया।