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शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष में ना करें यह काम, होता है दोष

पितृपक्ष को लेकर लोगों के मन में यह धारणा होती है कि यह एक अशुभ समय है। इन दिनों में कुछ भी खरीदने से अशुभ प्रभाव पड़ता है। ऐसा माना जाता है पितृपक्ष में नई वस्‍तुओं को खरीदने से पितर नाराज होते हैं। ऐसी भी मान्‍यता है कि पितृपक्ष में खरीदी गई वस्‍तुएं पितरों को समर्पित होती हैं इसलिए उन वस्‍तुओं में प्रेतों का अंश होता है।

इन वस्‍तुओं को जीवित लोगों के लिए उपयोग करना सही नहीं होता है। इसी कारण से पितृपक्ष में लोगों का काम धंधा मंदा पड़ जाता है। हालांकि शास्‍त्रों में इस बारे में कुछ भी नहीं बताया गया है कि श्राद्ध पक्ष में खरीदारी करनी चाहिए या नहीं। जहां कुछ लोग श्राद्ध पक्ष में शॉपिंग करना सही नहीं मानते, वहीं कुछ लोगों का मानना है कि श्राद्ध अशुभ नहीं होता है।

कुछ लोग मानते हैं कि श्राद्ध पक्ष गणेश चतुर्थी और नवरात्र के बीच में पड़ते हैं, इसलिए ये बिल्‍कुल भी अशुभ नहीं होते। लोगों की धारणा यह भी है कि श्राद्ध पक्ष में उनके पितर धरती पर आते हैं और अपनी संतान को सदैव सुखी और संपन्‍न रहने का आशीर्वाद देते हैं। इसलिए अगर आप पितृपक्ष में नई वस्‍तुएं खरीदकर लाते हैं तो उनको देखकर आपके पूर्वज प्रसन्‍न होते हैं और इससे उनको यह समझ आता है कि उनकी संतान धरती पर सुखी हैं।

वस्‍तुओं की न करें खरीदारी

पितृपक्ष में नए कपड़ों और नए गहनों की खरीदारी नहीं करनी चाहिए। इसके अलावा आप चाहें तो नया मकान, प्‍लॉट, फ्लैट और नई गाड़ी खरीद सकते हैं। पितृपक्ष में इन चीजों को खरीदने से पितृ गण प्रसन्‍न होते हैं। माना जाता है कि पूर्वज अपनी संतान की उन्‍नति को देखकर प्रसन्‍न होते हैं। इसलिए अगर आपको कुछ जरूरी चीजें खरीदनी हैं तो पितृपक्ष में भी खरीद सकते हैं।

पितृ पक्ष में ना करें या काम होता है दोष

शास्त्रों के अनुसार इन दिनों बाल या दाढ़ी नहीं कटनी चाहिए फिर चाहें कितने भी बड़े हो जाएं। शास्त्रों में बताया गया है कि जो व्यक्ति पितृ कर्म करता है यानी श्राद्धपक्ष में हर रोज पितरों को तर्पण और श्राद्ध तिथि के दिन श्राद्ध कर्म करता है, उनको बाल, दाढ़ी, मूंछ या नाखून काटने से परहेज रखना चाहिए।

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