Dastak Hindustan

सुप्रीम कोर्ट में चौंकाने वाला मामला: हिरासत से भागा आरोपी 14 साल बाद निकला जिंदा

पंजाब : यह मामला पंजाब पुलिस से जुड़ा हुआ है जिसने 2005 में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (एनडीपीएस) के तहत हरदीप सिंह नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। पुलिस का दावा था कि वह हिरासत से भाग गया। कुछ दिनों बाद एक अज्ञात शव मिला और उसे हरदीप का शव मान लिया गया। पुलिस ने जल्दबाजी में उसका अंतिम संस्कार कर दिया लेकिन बाद में यह सामने आया कि वह शव हरदीप का नहीं था।

24 अगस्त, 2005 को हरदीप सिंह को लुधियाना के देहलों इलाके से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने बताया कि वह हिरासत से भाग गया जिसके बाद उसके पिता नागिंदर सिंह ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की। इसके बाद 17 सितंबर को एक अज्ञात शव मिला जिसे पुलिस ने हरदीप का शव मानकर अंतिम संस्कार कर दिया।

जांच और खुलासे

हरदीप के पिता ने अपने बेटे की पुलिस हिरासत में हत्या का आरोप लगाया और मामले की जांच के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अपराध) से करवाई, जिसमें यह रिपोर्ट आई कि शव हरदीप का नहीं था और वह जीवित था। इसके बावजूद पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई जारी रही। सत्र न्यायाधीश की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हत्या (धारा 302) और सबूत नष्ट करने (धारा 201) के आरोपों में एफआईआर दर्ज की गई।

14 साल बाद हरदीप सिंह जिंदा मिला जिसने पूरे मामले को चौंकाने वाला मोड़ दे दिया। उसके मिलने के बाद इस केस की गंभीरता और भी बढ़ गई। अब सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 14 फरवरी, 2024 को होगी।

नागिंदर सिंह ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उनकी याचिका और पुलिस अधिकारियों को तलब करने का आदेश खारिज कर दिया गया था। उनका आरोप है कि उनके बेटे को पुलिस ने हिरासत में लेकर मारा था और पुलिस ने गलत रिपोर्ट पेश की थी।

इस अजीबोगरीब मामले ने न्यायिक प्रक्रिया और पुलिस कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े किए हैं जिनका जवाब अब सुप्रीम कोर्ट में आने वाली सुनवाई के दौरान मिल सकता है।

शेयर करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *