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सुप्रीम कोर्ट पहुंचा नीट (NEET) का मामला, परीक्षा रद्द करने की रखी मांग

नई दिल्ली:-  (NEET) नीट परीक्षा फिर एक बार विवादों में है। इस बार विवाद का कारण एनटीए यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी का एक फैसला है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी से नीट, आईआईटी और विश्वविद्यालय में प्रवेश से जुड़ी परीक्षाओं को आयोजित कराती है। (NEET) नीट परीक्षा में कुछ छात्रों को ग्रेस मार्क्स देने पर एनटीए के खिलाफ विरोध बढ़ता जा रहा है। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।

 

ग्रेस मार्क्स देने के (NTA) एनटीए के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की गई है। ये याचिका पहले तो दिल्ली हाईकोर्ट में लगाई गई। लेकिन इब यह सुप्रीम कोर्ट में भी दायर हो चुकी है। कार्तिक ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री से जल्द सुनवाई की गुहार लगाई है। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने (NTA) एनटीए से इस मसले पर जवाब मांगा था। दिल्ली हाईकोर्ट में इस पूरे विवाद पोर 12 जून को सुनवाई तय है। सुप्रीम कोर्ट में जरीपते कार्तिक के अलावाआंध्रप्रदेश के रहने वाले अब्दुल्ला मोहम्मद फैज़ व अन्य ने भी याचिका दायर की है। याचिका में 5 मई को हुई परीक्षा को रद्द करने की मांग की गई है और इसे नए सिरे से कराने की मांग की है।

 

याचिका में इस पूरे मामले की जांच (SIT) एसआईटी से कराने की मांग की गई है। इसके अलावा मोजूदा नतीजों के आधार पर कांसलिंग पर रोक लगाने की मांग की गई है। इससे पहले छात्रा शिवांगी मिश्रा और अन्य ने भी इसी तरह की याचिका दायर की थी ।

 

(NTA) एनटीए ने आरोपों पर दि सफाई

उधर विवाद बढ़ता देख एनटीए यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने ऐलान किया है कि शिक्षा मंत्रालय ने चार सदस्यीय एक पैनल का गठन कर दिया है। यह पैनल एनटीए के फैसलों की हो रही आलोचना नए सिरे से परखेगा। एनटीए ने किसी भी तरह के अनियमितता की बात को नकारा है। एनटीए का कहना है कि उनसे परीक्षा सेंटर पर छात्रों को कम समय मिलने के एवज में ग्रेस मार्क्स देने का फैसला किया है। इसके अलावा भी एनटीए ने कुछ वजहें गिनवाई हैं।

 

 

एनटीए को लेकर यह विवाद तब और बढ़ गया जब कई राजनीतिक दलों ने मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए आयोजित होने वाले इस परीक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा किया। आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट की देखरेख मे एक विशेष जांच समिति बनाने की मांग की है। वहीं कांग्रेस पार्टी ने इसके बहाने पेपर लीक, प्रतियोगी परीक्षाओं में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया है और इन्हें भारत की परीक्षा पद्धति का हिस्सा करार दिया है।

 

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