नई दिल्ली :- भारत की दूसरी सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी बजाज हाउसिंग फाइनेंस के आईपीओ का ना सिर्फ निवेशकों को बल्कि बाजार पर नजर रखने वाले तमाम लोगों को बेसब्री से इंतजार है। 6560 करोड़ रुपये का यह आईपीओ 9 सितंबर को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलने वाला है। कंपनी ने आईपीओ खुलने से पहले एंकर निवेशकों से 1758 करोड़ रुपये पहले ही जुटा लिए हैं। बजाज ग्रुप के चेयरमैन का मानना है कि बजाज हाउसिंग फाइनेंस के पास अगला HDFC बनने की क्षमता है। इसके लिए कंपनी को हर तिमाही में इंडस्ट्री से बेहतर ग्रोथ, बेहतरीन एसेट क्वालिटी और स्थिर मार्जिन्स दिखाने होंगे। चेयरमैन के इस बयान के बाद आईपीओ के खुलने से पहले यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या इस कंपनी में वाकई अगला HDFC बनने का दम है।
प्रॉफिटेबिलिटी का हेल्दी ट्रैक रिकॉर्ड
बजाज हाउसिंग फाइनेंस अपने आईपीओ के माध्यम से लगभग 58,500 करोड़ रुपये के वैल्यूएशन का लक्ष्य बना रहा है। इसके पास ग्रोथ और प्रॉफिटेबिलिटी का एक हेल्दी ट्रैक रिकॉर्ड है। कंपनी ने अब तक बेहद कंपटीटिव मार्केट में भी मजबूत प्रदर्शन किया है। लेंडर की पैरेंट कंपनी बजाज फाइनेंस एक NBFC कंपनी है, जिसकी बैलेंस शीट और वैल्यूएशन कई अच्छे बैंकों से बेहतर है। ऐसे में पूरी संभावना है कि इस आईपीओ को सभी कैटेगरी के निवेशकों की ओर से मजबूत रिस्पॉन्स मिलेगा।
रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस के अनुसार जून 2024 तक बजाज हाउसिंग फाइनेंस के पास 97,100 करोड़ रुपये का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) है, जो पिछले पांच सालों में 29 फीसदी की CAGR से बढ़ा है। बैलेंस शीट ग्रोथ में शाखाओं के मजबूत नेटवर्क, कई डिस्ट्रीब्यूशन पार्टनर्स के साथ साझेदारी, डिजिटल चैनल और पैरेंट कंपनी बजाज फाइनेंस के चैनलों ने मदद की है। इस अवधि में कंपनी का नेट प्रॉफिट 33 फीसदी CAGR से बढ़ा है, जिसका मतलब है कि बजाज हाउसिंग फाइनेंस अपने द्वारा उधार दिए गए हर रुपये पर अधिक लाभ उठा सकता है। इसके शुद्ध ब्याज मार्जिन भी यही संकेत देते हैं।