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वह दिन दूर नहीं, जब बीजेपी पश्चिम बंगाल सत्ता में आएगी- अमित शाह

नई दिल्ली:-  ANI को दिए एक इंटरव्यू में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएए अधिसूचना पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की टिप्पणी पर कहा, “वह दिन दूर नहीं, जब बीजेपी वहां (पश्चिम बंगाल) सत्ता में आएगी और घुसपैठ रोकेगी। अगर आप इस तरह की राजनीति करेंगे और इतने महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर तुष्टीकरण की राजनीति कर घुसपैठ करायेंगे और शरणार्थियों को नागरिकता मिलने का विरोध करेंगे, तो जनता आपके साथ नहीं होगी। ममता बनर्जी को शरण लेने वाले व्यक्ति और घुसपैठिए के बीच अंतर नहीं पता।

मैं ममता बनर्जी को निवेदन करना चाहता हूं कि राजनीति करने के हजारों मंच हैं, कृपया कर के बांग्लादेश से आए बंगाली हिंदू का अहित न करें। आप भी एक बंगाली हैं। ममता बनर्जी को मैं खुली चुनौती देता हूं कि इस कानून की धारा में से एक धारा वे नागरिकता छीनने वाली बता दें, वे खौफ पैदा कर रही हैं। असम में भाजपा सरकार आने के बाद घुसपैठ पूरी तरह से बंद हो गई है। मैं मानता हूं कि अगर आप(ममता बनर्जी) इतने महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे के साथ तुष्टिकरण की राजनीति कर घुसपैठ होने देंगे, जो शरणार्थी आए हैं उन्हें नागरिकता देने का विरोध करेंगे तो जनता आपके साथ नहीं रहेगी।

CAA कानून कभी वापस नहीं लिया जाएगा

CAA कानून कभी वापस नहीं लिया जाएगा। हमारे देश में भारतीय नागरिकता सुनिश्चित करना हमारा संप्रभु अधिकार है, हम इससे कभी समझौता नहीं करेंगे।

भाजपा CAA के जरिए नया वोट बैंक बना रही है।

विपक्ष के इस आरोप पर कि ‘भाजपा CAA के जरिए नया वोट बैंक बना रही है’ पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “विपक्ष के पास कोई और काम नहीं है।उनका इतिहास है कि वे जो कहते हैं वह करते नहीं हैं, प्रधानमंत्री मोदी का इतिहास है कि जो भी भाजपा ने कहा है और नरेंद्र मोदी ने जो कहा है, वह पत्थर की लकीर है। पीएम मोदी की हर गारंटी पूरी होती है।”

‘विपक्ष के पास कोई और काम नहीं है, उन्होंने यहां तक कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक में राजनीतिक फायदा है, तो क्या हमें आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई नहीं करनी चाहिए? उन्होंने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाना भी हमारे राजनीतिक फायदे के लिए था। हम 1950 से कह रहे हैं कि हम अनुच्छेद 370 को हटाएंगे। उनका इतिहास है कि वे जो कहते हैं वह करते नहीं हैं, प्रधानमंत्री मोदी का इतिहास है कि जो भी भाजपा ने कहा है, नरेंद्र मोदी ने जो कहा है, वह पत्थर की लकीर है। पीएम मोदी की हर गारंटी पूरी होती है।

शरणार्थियों को नागरिकता देने से चोरी और बलात्कार बढ़ेंगे

दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल के ‘शरणार्थियों को नागरिकता देने से चोरी और बलात्कार बढ़ेंगे’ वाले बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “दिल्ली के मुख्यमंत्री अपने भ्रष्टाचार के उजागर होने से अपना आपा खो बैठे हैं। उन्हें पता नहीं है कि ये लोग भारत में आ चुके हैं और भारत में रह रहे हैं। अगर उन्हें इतनी ही चिंता है तो वे बांग्लादेशी घुसपैठियों की बात नहीं करते या रोहिंग्या का विरोध क्यों नहीं करते? वे वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। वे विभाजन की पृष्ठभूमि भूल गए हैं, उन्हें शरणार्थी परिवारों से मिलना चाहिए।”

ये लोग झूठ की राजनीति कर रहे हैं।

विपक्षी पार्टियों द्वारा CAA की अधिसूचना की टाइमिंग पर विपक्ष द्वारा सवाल उठाए जाने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “सारे विपक्षी दल, चाहे असदुद्दीन ओवैसी हों, राहुल गांधी, ममता बनर्जी हों या केजरीवाल हों ये लोग झूठ की राजनीति कर रहे हैं इसलिए टाइमिंग का महत्व नहीं है। भाजपा ने 2019 में अपने घोषणापत्र में कहा था कि हम CAA लाएंगे और अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को नागरिकता देंगे। 2019 में ही यह बिल संसद के दोनों सदनों ने पारित कर दिया था। कोरोना के कारण थोड़ी देर हुई। विपक्ष तुष्टिकरण की राजनीति कर वोट बैंक को मजबूत करना चाहते हैं। वे बेनकाब हो चुके हैं और देश की जनता जानती है कि CAA इस देश का कानून है। मैं 4 साल में कम से कम मैं 41 बार बोल चुका हूं कि CAA लागू होगा और चुनाव से पहले होगा ।”

CAA से इस देश के अल्पसंख्यकों या किसी और व्यक्ति को डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि CAA में किसी की नागरिकता लेने का प्रावधान नहीं है। CAA सिर्फ और सिर्फ तीन देश, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई और पारसी शरणार्थियों को नागरिकता देने का कानून है।

आप इस कानून को अलग करके नहीं देख सकते

अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा CAA को ‘एंटी मुस्लिम’ कानून बताए जाने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “आप इस कानून को अलग करके नहीं देख सकते। 1947 को धर्म के आधार पर विभाजन हुआ था। उस समय कांग्रेस नेताओं ने कहा था कि अभी हिंसा चल रही है, आप जहां हैं वह रह जाइए, बाद में आप जब भी भारत में आएंगे आपका स्वागत है। लेकिन तुष्टिकरण की राजनीति के कारण कांग्रेस ने कभी अपना वादा पूरा नहीं किया।

अखंड भारत का जो हिस्सा थे और जिन पर धार्मिक प्रताड़ना हुई है उन्हें शरण देना मैं मानता हूं हमारी नैतिक और संवैधानिक जिम्मेदारी है। जब विभाजन हुआ तब पाकिस्तान में 23% सिख और हिंदू थे आज 3.7% बच गए। वे यहां तो नहीं आए। उनका धर्म परिवर्तन किया गया, उन्हें अपमानित किया गया, दोयम दर्जे के नागरिक के नाते उन्हें रखा गया। ये लोग कहां जाएंगे? क्या देश की संसद इसका विचार नहीं करेगी? अगर मैं बांग्लादेश की बात करूं तो 1951 में वहां हिंदू आबादी 22% थी लेकिन अब आंकड़ों के मुताबिक 2011 में हिंदू आबादी घटकर 10% रह गई है, वे कहां गए?

मुसलमानों को भी नागरिकता के लिए आवेदन करने का अधिकार है…किसी के लिए रास्ता बंद नहीं है। यह विशेष अधिनियम इसलिए बनाया गया है क्योंकि ये बिना किसी दस्तावेज़ के आए हैं। जिनके पास दस्तावेज नहीं है उनके लिए हम कोई रास्ता ढूढेंगे लेकिन जिनके पास दस्तावेज है वे अमूमन 85% से ज्यादा है। कोई समय सीमा नहीं है। आराम से समय लेकर आवेदन किया जा सकता है, भारत सरकार आपके उपलब्ध समय के अनुसार साक्षात्कार के लिए आपको कॉल करेगी। सरकार आपको दस्तावेज़ के ऑडिट के लिए बुलाएगी और आमने-सामने साक्षात्कार किया जाएगा। वे सभी लोग जिन्होंने 15 अगस्त 1947 से 31 दिसंबर 2014 के बीच भारत में प्रवेश किया है उनका यहां स्वागत है।

पश्चिम बंगाल द्वारा कहे जाने पर कि वे अपने राज्यों में CAA लागू नहीं करेंगे के सवाल पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “हमारे संविधान के अनुच्छेद 11 में संसद ने नागरिकता के बारे में कानून बनाने का अधिकार सिर्फ और सिर्फ भारत की संसद को दिया है। यह केंद्र का विषय है, केंद्र और राज्यों का साझा विषय नहीं है। मुझे लगता है चुनाव के बाद सभी सहयोग करेंगे। वे तुष्टिकरण की राजनीति के लिए गलत प्रचार कर रहे हैं।

विपक्षी नेताओं द्वारा यह कहे जाने पर कि अगर INDIA गठबंधन चुनाव जीतती है तो CAA को रद्द कर दिया जाएगा पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “उन्हें भी पता है कि INDI गठबंधन सत्ता में नहीं आने वाली है। CAA के कानून को प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार लाई है, इसे रद्द करना असंभव है। यह पूर्णतः संवैधानिक रूप से वैध कानून है। सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून पर कोई स्टे नहीं लगाया है। मैं उद्धव ठाकरे से पूछता हूं कि पहले वे स्पष्ट करें कि CAA लागू होना चाहिए या नहीं अब उन्हें अल्पसंख्यकों के वोट चाहिए इसलिए वे तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं।”

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी द्वारा CAA को “एंटी मुस्लिम” कहे जाने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “क्या तर्क है? मुसलमानों पर इसलिए धार्मिक प्रताड़ना नहीं हो सकती क्योंकि तीनों देश घोषित इस्लामिक स्टेट हैं। इस कानून में NRC का कोई प्रावधान नहीं है। इस कानून में किसी की नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है।”

क्या CAA के जरिए नागरिकता पाने वालों की अलग पहचान होगी, इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “वे भारत के आम नागरिक की तरह ही भारत के नागरिकों की सूची में समाहित हो जाएंगे। उन्हें भी उतने ही अधिकार होंगे जितने आपके या मेरे पास हैं। वे चुनाव भी लड़ सकते हैं, MLA, MP, मुख्यमंत्री या केंद्र सरकार के मंत्री भी बन सकते हैं।”

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