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पंजाब, हरियाणा और UP की सीमाएं बदलें, HC और राजधानी भी

नई दिल्ली:- दिल्ली हाई कोर्ट में गुरुवार को एक ऐसी याचिका आई, जिसने खूब चर्चा बटोरी। रिटायर्ड सरकारी अधिकारी ने अपनी याचिका में मांग की कि अदालत पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा राज्यों की सीमाओं को बदल दें। इतना ही नहीं हाई कोर्ट के स्थान भी बदले जाएं। याचिका देखकर पीठ ने इसे तुरंत खारिज कर दिया और कहा कि यह काम संसद का है न कि अदालत का। पीठ ने टिप्पणी भी की कि यही सब कुछ बचा था, अब कोई हमसे भारत का नक्शा दोबारा बनाने के लिए कह रहा है।

गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष एक शख्स ने उत्तर के तीन राज्यों की सीमाएं बदलने और हाई कोर्ट के स्थान बदलने की याचिका डाली थी। जिस पर पीठ ने अपने फैसले में कहा, “हम संसद को निर्देश जारी नहीं कर सकते। हम राज्यों की सीमाओं को नहीं पहचानते। हम यह तय नहीं करते कि किस हाई कोर्ट को कहां काम करना चाहिए। यह हमारा क्षेत्र या अधिकार क्षेत्र नहीं है।”

हाई कोर्ट से क्या मांग की थी

सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता जेपी सिंह ने अपनी याचिका में हाई कोर्ट से मांग की कि वे केंद्र को मेरठ कमिश्नरी का सोनीपत, फरीदाबाद और गुरुग्राम का दिल्ली के साथ और चंडीगढ़ का हरियाणा के साथ विलय करने का निर्देश दें। उन्होंने यह दावा किया कि मेरठ दिल्ली के बहुत करीब स्थित है।

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