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यूपी की गलियां-गांव होंगी सौर ऊर्जा से रोशन, योगी सरकार उठा रही बड़े कदम

लखनऊ (उत्तर प्रदेश):- उत्तर प्रदेश के शहर और गांव में वैकल्पिक ऊर्जा को पहुंचाने के लिए प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार कई बड़े कदम उठा रही है। वाराणसी में पहले ही शहर को पूरी तरह से सौर ऊर्जा से रोशन करने की ओर सरकार आगे बढ़ रही है। लेकिन अब सरकार प्रदेश के हर गांव और शहर की गलियों में वैकल्पिक ऊर्जा से रोशन करने की ओर आगे बढ़ रही है। सरकार के इस कदम से ना सिर्फ बिजली की खपत कम होगी बल्कि लोगों के भीतर सोलर ऊर्जा को लेकर जागरुकता भी बढ़ेगी।

बुंदेलखंड क्षेत्र में सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए 4000 मेगावाट क्षमता के सोलर पपार्क को भी विकसित किया जा रहा है। इस सोलर पार्क को भारत सरकार के ग्रीन एनर्जी कोरिडोर-2 परियोजना के तहत तैयार किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार की जैव ऊर्जा नीति को लागू करने के लिए सरकार की ओर से 60 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

प्रदेश में अबतक 328 मेगावाट की सोलर रूफटॉप योजनाएं स्थापित हो चुकी हैं। प्रदेश में अबतक 2400 मेगावाट सौर ऊर्जा पैदा हो चुकी है। अयोध्या में सरकारी भवनों को सौर ऊर्जा से चलाया जाएगा, यहां 10 मेगावाट के प्लांट को लगाया जा चुका है। उत्तर प्रदेश के 18 नगर निगमों को भी अयोध्या की तर्ज पर सोलर सिटी बनाया जाएगा। यही नहीं शहरों में पार्क और गलियों में भी सोलर ऊर्जा से से रोशनी की तैयारी की जा रही है।

केंद्र सरकार की ओर से प्रदेश में सौर ऊर्जा के लिए बजट मुहैया कराया गया है। जिसकी मदद से रूफटॉप सोलर पैनल योजना के तहत एक करोड़ परिवारों को हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने का प्रावधान है। इस योजना से उत्तर प्रदेश के 20 लाख परिवारों को फायदा होगा। इस योजना के तहत पहले से जो अनुदान अलग-अलग श्रेणी में मिल रही है उसे बढ़ाने पर भी विचार चल रहा है।

प्रधानमंत्री कुसुम योजना को लागू करने के लिए 449 करोड़ 45 लाख रुपए की व्यवस्था की गई है। बता दें कि पीएम कुसुम योजना सी-1 के तहत निजी ऑनग्रिड पंपों के सोलराइजेशन के लिए 100 करोड़ रुपए की अलग व्यवस्था भी की गई है। प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक मार्ग प्रकाश की सुविधा के लिए अबतक तकरीबन 3.35 लाख सोलर लाइट संयंत्रों को स्थापित कराया जा चुका है। साथ ही, 50 करोड़ रुपए का बजट मुहैया कराया गया है।

जिन गांवों में अभी तक बिजली नहीं पहुंची है, जो दुर्गम क्षेत्र हैं वहां भी सोलर से बिजली पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। इसे अनुदान के जरिए आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने संस्कृति विभाग के सरकारी, अर्द्धसरकारी भवनों पर भी रूपटॉप सोलर पैनल लगाए गए हैं। साथ ही राजकीय आईटीआई में ऑनग्रिड सोलर रूपटॉप सोलर संयंत्रों को स्थापित किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने 8 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया है।

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