नई दिल्ली :- कुष्ठ रोग के लिए नई उपचार व्यवस्था लागू करने का केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने फैसला किया है। इसका उद्देश्य सतत विकास लक्ष्यों से पहले 2027 तक इसको फैलने से रोकना है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने पॉसी बैसिलरी (पीबी) मामलों के लिए छह महीने के लिए दो दवा के स्थान पर तीन दवा की व्यवस्था शुरू करने का फैसला लिया है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में स्वास्थ्य सेवा के उप महानिदेशक डॉ. सुदर्शन मंडल ने कहा कि राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम (एनएलईपी) उप राष्ट्रीय स्तर पर कुष्ठ रोग के संचरण को रोकने के लिए सभी जरुरी कदम उठा रहा है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने भारत में कुष्ठ रोगियों के लिए मल्टी ड्रग थेरेपी (MDT) के उपचार में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय ने छह महीने के लिए पॉसी बैसिलरी (पीबी) मामलों के लिए दो दवा के स्थान पर तीन दवा के इस्तेमाल को शुरू करने का फैसला किया है।
मंडल ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन एक अप्रैल 2025 से संशोधित दवा की आपूर्ति करने के लिए सहमत हो गया है। इसलिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध है कि वे कुष्ठ रोग रोधी दवाओं की अपनी मांग समय सीमा से पहले भेजें। साथ ही कहा कि भारत में पॉसिबैसिलरी (पीबी) और मल्टीबैसिलरी (एमबी) मामलों के लिए कुष्ठ रोग का संशोधित वर्गीकरण और उपचार आहार 1 अप्रैल, 2025 से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया जाएगा।