कर्नाटक (बेंगलुरु):- भारतीय बिजनेस जगत के विवादास्पद नाम विजय माल्या एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार कारण कोई नया विवाद नहीं बल्कि आईपीएल से जुड़ा एक पुराना रहस्य है जिसे उन्होंने खुद उजागर किया है। एक पॉडकास्ट साक्षात्कार के दौरान विजय माल्या ने बताया कि उन्होंने साल 2008 में इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल की शुरुआत के वक्त कुल तीन फ्रेंचाइजी के लिए बोली लगाई थी।
विजय माल्या ने कहा कि उनका पहला लक्ष्य मुंबई इंडियंस की टीम को खरीदना था लेकिन वह टीम अंततः मुकेश अंबानी के पास चली गई। इसके बाद उन्होंने राजस्थान रॉयल्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए भी बोली लगाई थी और आखिरकार उन्हें बेंगलुरु की फ्रेंचाइजी मिल गई। उन्होंने 112 मिलियन डॉलर यानी उस समय की सबसे ऊंची बोली लगाकर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को खरीदा था। यह रकम उस दौर के हिसाब से बहुत बड़ी मानी जा रही थी।
माल्या ने कहा कि उन्होंने आरसीबी को खरीदने का निर्णय केवल व्यवसायिक दृष्टिकोण से नहीं बल्कि एक भावनात्मक जुड़ाव के चलते लिया था। उन्होंने बताया कि उनका बेंगलुरु शहर से पुराना नाता रहा है और उनका मुख्यालय भी यहीं स्थित है। यही कारण था कि वह इस शहर की टीम को अपनी पहचान बनाना चाहते थे। उनके अनुसार बेंगलुरु की टीम में स्थानीय भावना और व्यापारिक सोच दोनों का मेल था जो उन्हें बेहद पसंद आया।
हालांकि आरसीबी की शुरुआत उतनी प्रभावशाली नहीं रही और शुरुआती वर्षों में टीम को आलोचना का सामना करना पड़ा। लेकिन माल्या ने कहा कि उन्होंने टीम में निवेश इसलिए नहीं किया था कि वह सिर्फ जीत के पीछे भागें बल्कि वह चाहते थे कि यह टीम एक ब्रांड बने। उन्होंने रॉयल चैलेंजर्स ब्रांड को क्रिकेट के माध्यम से आगे बढ़ाने का सपना देखा था।
माल्या ने यह भी स्वीकार किया कि टीम की असफलताओं से उन्हें निराशा हुई थी लेकिन उन्हें इस बात का गर्व है कि आरसीबी आज एक ग्लोबल ब्रांड बन चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि चाहे वह अब टीम का हिस्सा नहीं हैं लेकिन उन्हें इस बात की खुशी है कि टीम ने 2025 में अपना पहला आईपीएल खिताब जीत लिया।
यह खुलासा उस वक्त आया है जब विजय माल्या भारत में आर्थिक अपराधों के चलते वांछित हैं और लंदन में रह रहे हैं। बावजूद इसके उनका यह बयान एक बार फिर आईपीएल की शुरुआती राजनीति और फ्रेंचाइजी की होड़ को लेकर कई नए सवाल खड़े करता है।
आरसीबी के प्रशंसकों के लिए यह जानकारी न केवल ऐतिहासिक है बल्कि यह टीम के शुरुआती संघर्ष और उसके पीछे की सोच को भी उजागर करती है। विजय माल्या का यह बयान बताता है कि आईपीएल सिर्फ क्रिकेट नहीं बल्कि सपनों कारोबार और शहरों की पहचान का भी खेल है।