नई दिल्ली:- वित्त वर्ष 2026 में ऊर्जा क्षेत्र की सरकारी कंपनियों के निवेश में 21% की वृद्धि होने की उम्मीद है जिससे यह 86,138 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। यह वृद्धि ऊर्जा क्षेत्र में सरकार की बढ़ती रुचि और इस क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के प्रयासों का परिणाम है। ऊर्जा क्षेत्र में सरकारी कंपनियों के निवेश में वृद्धि से इस क्षेत्र में विकास को बढ़ावा मिलेगा और देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा यह वृद्धि ऊर्जा क्षेत्र में रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा देगी और देश की आर्थिक वृद्धि में योगदान।
वित्त वर्ष 2026 में ऊर्जा क्षेत्र की सरकारी कंपनियों के निवेश में वृद्धि के पीछे कई कारण हैं। इनमें से एक मुख्य कारण यह है कि सरकार ऊर्जा क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं और नीतियां लागू कर रही है। इसके अलावा, ऊर्जा क्षेत्र में निजी कंपनियों की भी रुचि बढ़ रही है, जिससे इस क्षेत्र में निवेश में वृद्धि हो रही है ऊर्जा क्षेत्र में सरकारी कंपनियों के निवेश में वृद्धि से इस क्षेत्र में कई परियोजनाओं को बढ़ावा मिलेगा। इन परियोजनाओं में से कुछ में शामिल हैं:
–विद्युत उत्पादन परियोजनाएं: ऊर्जा क्षेत्र में सरकारी कंपनियों के निवेश में वृद्धि से विद्युत उत्पादन परियोजनाओं को बढ़ावा मिलेगा।
–विद्युत वितरण परियोजनाएं: इसके अलावा ऊर्जा क्षेत्र में सरकारी कंपनियों के निवेश में वृद्धि से विद्युत वितरण परियोजनाओं को भी बढ़ावा मिलेगा।
–नवीकरणीय परियोजनाएं: ऊर्जा क्षेत्र में सरकारी कंपनियों के निवेश में वृद्धि से नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को भी बढ़ावा मिलेगा।
इस प्रकार वित्त वर्ष 2026 में ऊर्जा क्षेत्र की सरकारी कंपनियों के निवेश में 21% की वृद्धि होने की उम्मीद है जिससे यह 86,138 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी। यह वृद्धि ऊर्जा क्षेत्र में सरकार की बढ़ती रुचि और इस क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के प्रयासों का परिणाम है।