नई दिल्ली:- केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपना बजट पेश कर दिया है जिसे ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस बजट में गरीबों, युवाओं, किसानों (अन्नदाता) और महिलाओं (नारी) को विशेष प्राथमिकता दी गई है। साथ ही कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात को आर्थिक विकास के प्रमुख इंजन के रूप में रेखांकित किया गया है।
कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार
सरकार ने कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई घोषणाएँ की हैं:
1.प्रधानमंत्री धान-धन्य कृषि योजना– 100 कृषि जिलों के विकास पर विशेष जोर दिया जाएगा जिससे 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा।
2.मखाना बोर्ड – बिहार में मखाना उत्पादन प्रोसेसिंग और मार्केटिंग को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष बोर्ड की स्थापना की जाएगी।
3.कपास उत्पादन मिशन– पाँच वर्षीय योजना के तहत कपास की उत्पादकता और गुणवत्ता सुधारने पर ध्यान दिया जाएगा।
4.किसानों को कर्ज में राहत– किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के तहत 7.7 करोड़ किसानों को ₹5 लाख तक का कर्ज मिलेगा।
5. आत्मनिर्भरता अभियान– तूर, उड़द और मसूर जैसी दालों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 6 वर्षीय मिशन शुरू किया जाएगा।
एमएसएमई और स्टार्टअप को मजबूती
देश में छोटे और मध्यम उद्योगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने कई अहम घोषणाएँ की हैं:
–एमएसएमई की परिभाषा में बदलाव – माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज की निवेश सीमा को दोगुना कर दिया गया है।
– सूक्ष्म उद्यमों के लिए क्रेडिट कार्ड– छोटे उद्यमियों को ₹5 लाख तक का कस्टमाइज़्ड क्रेडिट कार्ड मिलेगा।
–उद्यम शुरू करने वालों को सहायता– अगले पाँच सालों में 5 लाख नए उद्यमियों को ₹2 करोड़ तक का टर्म लोन दिया जाएगा।
–खिलौना और फूटवियर उद्योग को बढ़ावा – रोजगार बढ़ाने के लिए इन क्षेत्रों में विशेष योजनाएँ चलाई जाएँगी।
–खाद्य प्रसंस्करण– बिहार में खाद्य प्रौद्योगिकी का एक राष्ट्रीय संस्थान स्थापित किया जाएगा।
शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार में निवेश
सरकार ने देश की शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं:
1. 50 हजार अटल टिंकरिंग लैब्स– सरकारी स्कूलों में विज्ञान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अगले 5 वर्षों में स्थापित की जाएँगी।
2. मेडिकल शिक्षा में विस्तार– अगले 5 वर्षों में 75,000 मेडिकल सीटें बढ़ाई जाएँगी जिसमें इस साल 10,000 सीटें शामिल होंगी।
3.आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेंटर – शिक्षा में AI के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए ₹500 करोड़ की लागत से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा।
4. ई-श्रम पोर्टल– ऑनलाइन प्लेटफॉर्म वर्कर्स के लिए बीमा और स्वास्थ्य सुविधाएँ दी जाएँगी।
5.डे-केयर कैंसर सेंटर – सभी जिला अस्पतालों में कैंसर उपचार की सुविधाएँ बढ़ाई जाएँगी।
शहरी और ग्रामीण विकास को बढ़ावा
– जल जीवन मिशन– 100% कवरेज के लिए इसे 2028 तक बढ़ाया गया है।
-शहरी चुनौती निधि – ‘ग्रोथ हब सिटी’ और ‘क्रिएटिव सिटी रिडेवलपमेंट’ के लिए ₹1 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है।
– स्वामित्व फंड-2– एक लाख घरों के निर्माण के लिए ₹15,000 करोड़ का निवेश किया जाएगा।
– पर्यटन क्षेत्र में सुधार – 50 प्रमुख पर्यटन स्थलों को विकसित किया जाएगा और होमस्टे योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए मुद्रा लोन उपलब्ध कराया जाएगा।
नवाचार और तकनीकी विकास को बढ़ावा
– प्रधानमंत्री अनुसंधान छात्रवृत्ति– IITs और IISc में तकनीकी अनुसंधान के लिए 10,000 फेलोशिप प्रदान की जाएँगी।
–राष्ट्रीय भू-स्थानिक मिशन – शहरी नियोजन, भूमि रिकॉर्ड के आधुनिकीकरण और इंफ्रास्ट्रक्चर डिजाइन के लिए शुरू किया जाएगा।
– फसल बीज बैंक– 10 लाख जर्मप्लाज्म लाइनों के साथ दूसरी जीन बैंक स्थापित की जाएगी जिससे भविष्य में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
निर्यात और व्यापार को बढ़ावा
– निर्यात संवर्धन मिशन– एमएसएमई निर्यातकों के लिए वित्तीय सहायता, क्रॉस-बॉर्डर फैक्टोरिंग और गैर-शुल्कीय बाधाओं को हल करने के लिए पहल की जाएगी। – भारत ट्रेडनेट – यह डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर होगा जो अंतरराष्ट्रीय व्यापार दस्तावेजीकरण और वित्तीय समाधानों के लिए एकीकृत मंच प्रदान करेगा।
– ग्लोबल सप्लाई चेन से जुड़ाव– भारतीय कंपनियों को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं से जोड़ने के लिए नीति बनाई जाएगी।
वित्तीय क्षेत्र और टैक्स सुधार
– बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश – बीमा क्षेत्र में FDI की सीमा 74% से बढ़ाकर 100% कर दी गई है।
– नया आयकर कानून– सरकार नया आयकर कानून लाने की योजना बना रही है।
–छोटे दानदाताओं को राहत– पंजीकृत चैरिटेबल संस्थानों के लिए पंजीकरण अवधि 5 वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष कर दी गई है।
– वरिष्ठ नागरिकों के लिए टैक्स में राहत– टैक्स कटौती सीमा ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1 लाख कर दी गई है।
कस्टम और जीएसटी में सुधार
– कस्टम ड्यूटी संरचना का सरलीकरण– औद्योगिक वस्तुओं पर लागू 7 शुल्क दरों को हटाया जाएगा।
– मेक इन इंडिया को बढ़ावा – LED/LCD टीवी, मोबाइल फोन और इलेक्ट्रिक व्हीकल बैटरियों के लिए आवश्यक कच्चे माल पर शुल्क छूट मिलेगी।
– औषधीय सुविधा– 36 जीवनरक्षक दवाओं को कस्टम ड्यूटी मुक्त किया गया है जिससे कैंसर और गंभीर बीमारियों के मरीजों को राहत मिलेगी।
बजट 2025-26 को देश के समावेशी विकास की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इसमें कृषि, एमएसएमई, स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढांचे और डिजिटल इनोवेशन पर विशेष ध्यान दिया गया है। सरकार ने इसे आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत के लक्ष्य के अनुरूप तैयार किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह योजनाएँ सही तरीके से लागू होती हैं तो आने वाले वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था और समाज में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।