लद्दाख (जम्मू-कश्मीर):- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट में एक महिला वकील सैयद ऐनैन कादरी अपने चेहरे को नकाब से ढककर पेश हुईं। कोर्ट में सुनवाई के दौरान जब जज ने उनसे अपना चेहरा दिखाने को कहा तो महिला वकील ने इसका विरोध किया और इसे अपने मौलिक अधिकार का हिस्सा बताते हुए चेहरा न दिखाने की जिद की।
कोर्ट ने महिला वकील से अपना चेहरा दिखाने का अनुरोध किया लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकार करते हुए दावा किया कि उनका हक है कि वे अपना चेहरा नकाब से ढककर रखें। जज ने महिला वकील की बातों पर विचार नहीं किया और बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) के नियमों का हवाला दिया। न्यायमूर्ति मोक्ष खजुरिया काजमी और न्यायमूर्ति राहुल भारती ने स्पष्ट किया कि महिला वकील को अदालत में चेहरा ढककर आने की अनुमति नहीं है।
न्यायालय ने बाद में इस मामले में 5 दिसंबर को फिर से सुनवाई की और रजिस्ट्रार जनरल से यह पूछा कि क्या कोई ऐसा नियम है जो महिला वकीलों को चेहरा ढककर आने का अधिकार देता है। 5 दिसंबर को रजिस्ट्रार जनरल ने रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसमें स्पष्ट किया गया कि BCI के नियमों में महिला वकीलों के लिए ऐसा कोई अधिकार नहीं दिया गया है।
न्यायालय ने 13 दिसंबर को इस मामले का निपटारा करते हुए कहा कि BCI के नियमों के तहत वकील को चेहरा ढकने की अनुमति नहीं है। कोर्ट ने यह भी बताया कि महिला वकील के लिए निर्धारित ड्रेस कोड में काले रंग की जैकेट साड़ी और काला कोट शामिल हैं लेकिन चेहरा ढकने की अनुमति नहीं है।
इस मामले में महिला वकील ने अंततः अपना प्रतिनिधित्व एक अन्य वकील से करवाया और मामला खारिज कर दिया गया।नियमों के मुताबिक अदालत में पेश होने के लिए किसी भी महिला वकील को चेहरा ढकने की अनुमति नहीं है जैसा कि इस मामले में स्पष्ट किया गया है।