नई दिल्ली:- पंजाब और हरियाणा के शंभू बॉर्डर (पंजाब-हरियाणा सीमा) पर पिछले आठ महीनों से धरना दे रहे किसान अब अपने आंदोलन को तेज करते हुए दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। किसानों का यह प्रदर्शन 12 प्रमुख मांगों को लेकर है जिनमें से कई पिछली बार के आंदोलन के दौरान किए गए वादों से जुड़ी हैं।
किसानों ने इस बार ट्रैक्टरों और पैदल मार्च के माध्यम से दिल्ली चलो’ अभियान शुरू किया है। उनका कहना है कि सरकार ने उनकी पुरानी मांगों को अब तक पूरा नहीं किया है इसलिए वे एक बार फिर सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं।
किसानों की मुख्य मांगें:
1.MSP गारंटी अधिनियम: सभी फसलों की खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी दी जाए।
2.डॉ. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू हों: C2+50% के फॉर्मूले पर सभी फसलों की कीमतें तय की जाएं।
3.प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार: सरकार प्रीमियम का पूरा भुगतान करे और सभी फसलों को इसमें शामिल करे।
4.कृषि मजदूरों को पेंशन: वृद्धावस्था पेंशन के रूप में 5,000 रुपये प्रति माह दिए जाएं।
5. लखीमपुर खीरी मामला: हत्या मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और पीड़ित परिवारों को न्याय मिले।
6. पिछले आंदोलन की समझौता शर्तें लागू हों: सरकार द्वारा किए गए वादों को पूरा किया जाए।
7. कर्जमाफी: छोटे और सीमांत किसानों के कर्ज माफ किए जाएं।
8. फसलों की समय पर खरीद और भुगतान: सभी मंडियों में पारदर्शिता सुनिश्चित हो।
9. कृषि उत्पाद निर्यात नीति में सुधार: किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजार तक सीधी पहुंच मिले।
10. न्यायिक व्यवस्था में सुधार: किसानों के विवादों के लिए विशेष अदालतों का गठन हो।
11. सिंचाई के साधनों की उपलब्धता: मुफ्त बिजली और पानी की सुविधा दी जाए।
12. कृषि क्षेत्र में निजीकरण के विरोध: सरकार निजीकरण के किसी भी कदम को वापस ले।
दिल्ली मार्च की योजना:
• किसान शंभू बॉर्डर से ट्रैक्टर और पैदल मार्च करते हुए दिल्ली की ओर बढ़ेंगे।
• प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, वे दिल्ली में डटे रहेंगे।
• आंदोलन के दौरान दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है, और यातायात व्यवस्था पर असर पड़ने की संभावना है।