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केरल में निपाह वायरस के कम हुए मामले

तिरुवनंतपुरम (केरला):- केरल में निपाह वायरस के कम हुए मामले। बीते कुछ दिनों में निपाह वायरस का खतरा बढ़ता जा रहा था। लेकिन अब इसमें कमी पाई गई है। वहीं केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया, ”फिलहाल कोई नया मामला सामने नहीं आया है। इलाजरत नौ साल का बच्चा वेंटिलेटर से बाहर है। फिलहाल वह ऑक्सीजन सपोर्ट पर है। बच्चे की सेहत में सुधार हो रहा है।” बीते कुछ दिनों पहले निपाह वायरस के आउटब्रेक से केरल में हालात खराब होते जा रहे हैं। लगातार सामने आ रहे मामलों की वजह से राज्य में कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं।

कोझिकोड़ में दो दिन तक स्कूल बंद रखने का फैसला किया गया है और दुकानों के खुलने-बंद करने का भी समय तय कर दिया गया है। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक टीम भी कोझिकोड़ पहुंच गई है। यह टीम कोझिकोड़ के जिला प्रशासन के साथ Nipah Virus Outbreak पर जानकारी लेगी और आगे की कार्रवाई करेगी। Nipah Virus का डर एक बार फिर से फैलने लगा है। ऐसे में यह समझ लेना जरूरी है कि Nipah Virus असल में क्या है? कहां से आया और इसके संक्रमितों में कैसे लक्षण नजर आते हैं?

निपाह वायरस एक जूनोटिक वायरस है। मतलब यह वायरस जानवरों से इंसानों में आया है। यह चमगादड़ और सूअर जैसे जानवरों से इंसानों में आता है। यह वायरस संक्रमित भोजन और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकता है। संक्रमित व्यक्ति को यह वायरस कई तरह परेशान करता है। कई ऐसे अवसर भी होते हैं, जब इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति में कोई लक्षण नजर नहीं आते। जबकि कुछ लोगों में सांस लेने में गंभीर समस्या और इंसेफ्लाइटिस (दिमागी सूजन) जैसे लक्षण भी नजर आते हैं। निपाह वायरस के कारण सूअर जैसे जानवरों में भी गंभीर बीमारी हो सकती है।

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