गांधी नगर (गुजरात):- चक्रवात बिपरजॉय के बाद द्वारका के द्वारकाधीश मंदिर के खुलने पर लोगों में उत्साह देखा गया। कुछ लोग यह दावा कर रहे हैं कि चक्रवात से आई आपदा को दूर करने के लिए मंदिर के शिखर पर दो झंडे फहराए गए हैं, जबकि कुछ मीडिया रिपोटर्स में यह बताया जा रहा है कि ऐसी घटना इतिहास में पहली बार हुई है। जबकि पुजारियों का कहना है कि चक्रवात बिपोर्जॉय चक्रवात के कारण मंदिर के ध्वज स्तंभ पर ध्वजारोहण नहीं हो पा रहा है।
ऐसे में पुराने ध्वज को नीचे छोड़ नया ध्वज फहराया गया है। ऐसे सुरक्षा कारणों से किया गया है जिसका कोई अन्य अर्थ नहीं निकालना चाहिए।
चक्रवात बिपारजॉय के जखाऊ बंदरगाह के पास कच्छ, गुजरात में मांडवी और पाकिस्तान में कराची के बीच पार करने का अनुमान है। चक्रवात के लैंडफॉल से 125-135 किमी प्रति घंटे की गति के साथ तेज हवाएं चलने का अनुमान है, जो 150 किमी प्रति घंटे तक भी पहुंच सकती है।
रेस्क्यू ऑपरेशन दो चरणों में चलाया जा रहा है। पहले चरण में समुद्र तट के 0 से 5 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले व्यक्तियों को निकालना शामिल है। दूसरा चरण तट के 5 से 10 किलोमीटर के भीतर रहने वालों को स्थानांतरित करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
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