नई दिल्ली:- भारतीय मंदिरों की आय और जीएसटी के लेवी को लेकर अक्सर सवाल उठते हैं। यह जानना दिलचस्प है कि भारतीय मंदिरों की आय कितनी है और जीएसटी का लेवी कब लगता है।
भारतीय मंदिरों की आय
भारतीय मंदिरों की आय विभिन्न स्रोतों से आती है, जिनमें दान, पूजा के लिए चढ़ावा और व्यावसायिक गतिविधियों से आय शामिल है तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) भारत का सबसे अमीर मंदिर ट्रस्ट है जिसकी आय 2024-25 में 4,774 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है।
जीएसटी का लेवी
जीएसटी का लेवी मंदिरों की व्यावसायिक गतिविधियों पर लगता है जैसे कि कमरों का किराया, समुदाय के हॉल का किराया और व्यावसायिक स्थानों का किराया। हालांकि मंदिरों द्वारा प्रदान की जाने वाली धार्मिक सेवाओं पर जीएसटी का लेवी नहीं लगता है।
मंदिरों की आय और जीएसटी का लेवी: एक उदाहरण
वैश्नो देवी मंदिर की आय 2022-23 में 683 करोड़ रुपये थी जिसमें से 255 करोड़ रुपये दान से आए थे मंदिर ने व्यावसायिक गतिविधियों से भी आय अर्जित की जिसमें कमरों का किराया, समुदाय के हॉल का किराया और व्यावसायिक स्थानों का किराया शामिल था।
भारतीय मंदिरों की आय और जीएसटी का लेवी एक जटिल विषय है। मंदिरों की आय विभिन्न स्रोतों से आती है और जीएसटी का लेवी मंदिरों की व्यावसायि गतिविधियों पर लगता है। यह जानना महत्वपूर्ण है कि मंदिरों द्वारा प्रदान की जाने वाली धार्मिक सेवाओं पर जीएसटी का लेवी नहीं लगता है।