मुंबई (महाराष्ट्र):- अनुपम खेर जिन्हें भारतीय सिनेमा के सबसे सफल और प्रतिभाशाली अभिनेताओं में से एक माना जाता है ने हाल ही में अपनी जीवन यात्रा के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि वह अपनी असफलताओं की कहानी से सीखकर अपने सपनों को पूरा करने में सफल रहे हैअनुपम खेर ने अपने करियर की शुरुआत से ही कई चुनौतियों का सामना किया है। उन्होंने अपने पहले फिल्म के लिए 40 बार ऑडिशन दिया था लेकिन उन्हें हर बार नकार दिया गया था लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की।
अनुपम खेर की मेहनत रंग लाई और उन्हें अपनी पहली फिल्म “सारांश” में मुख्य भूमिका मिली। इस फिल्म ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया और उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया अनुपम खेर ने अपने करियर में कई सफल फिल्में दी हैं जिनमें “राम लखन“, “लम्हे“, “दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे” और “वीर-ज़ारा” जैसी फिल्में शामिल हैं। उन्हें अपने अभिनय के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है जिनमें फिल्मफेयर अवॉर्ड्स नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स और पद्मश्री जैसे पुरस्कार शामिल हैं
अनुपम खेर ने अपनी असफलताओं से सीखकर अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की। उन्होंने कहा कि असफलता एक ऐसी चीज है जो हमें सिखाती है कि हमें अपने सपनों को पूरा करने के लिए क्या करना है।अनुपम खेर की कहानी हमें यह सिखाती है कि असफलता एक ऐसी चीज है जो हमें सिखाती है कि हमें अपने सपनों को पूरा करने के लिए क्या करना है। हमें अपनी असफलताओं से सीखना चाहिए और अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।
अनुपम खेर की कहानी हमें यह सिखाती है कि असफलता एक ऐसी चीज है जो हमें सिखाती है कि हमें अपने सपनों को पूरा करने के लिए क्या करना है। हमें अपनी असफलताओं से सीखना चाहिए और अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। अनुपम खेर की कहानी हमें यह भी सिखाती है कि सफलता एक ऐसी चीज है जो हमें अपनी मेहनत और समर्पण से मिलती है।