भारत में नवंबर 2024 में खुदरा महंगाई (CPI) में थोड़ी राहत देखने को मिली है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित छह फीसदी के लक्ष्य से नीचे महंगाई दर आ गई है। नवंबर महीने में भारत की खुदरा महंगाई दर 5.88 प्रतिशत रही जो अक्टूबर 2024 में 6.26 प्रतिशत थी। यह आंकड़ा खुदरा कीमतों में कुछ कमी को दर्शाता है जिससे आम जनता को महंगाई से थोड़ी राहत मिली है।
मुख्य कारण:
1. खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट: नवंबर में खाद्य पदार्थों की कीमतें, खासकर ताजे फल, सब्जियां और दालों में गिरावट आई जिससे महंगाई दर में कमी आई।
2. ईंधन और बिजली: हालांकि पेट्रोल, डीजल और बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी रही लेकिन खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कमी ने समग्र महंगाई को संतुलित किया।
3. वस्त्र और अन्य उपभोग की वस्तुएं: वस्त्रों और अन्य उपभोग की वस्तुओं की कीमतों में मामूली वृद्धि हुई लेकिन इसका प्रभाव समग्र महंगाई दर पर अपेक्षाकृत कम पड़ा।
राज्यवार विवरण:
– उत्तर भारत: यहां खाद्य सामग्री के दाम में गिरावट आई है जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिली है।
– दक्षिण भारत: कई राज्यों में खासकर तेल और मसालों की कीमतों में स्थिरता रही।
– पश्चिम और पूर्व भारत: इन इलाकों में भी खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट देखी गई हालांकि ईंधन की कीमतों ने दबाव बना रखा था।
रिजर्व बैंक की नीति:
नवंबर में महंगाई में कमी के बाद भारतीय रिजर्व बैंक को अपनी मौद्रिक नीति पर पुनः विचार करने का अवसर मिल सकता है। अब जबकि महंगाई दर 6 प्रतिशत से नीचे आ गई है उम्मीद की जा रही है कि रिजर्व बैंक ब्याज दरों को स्थिर रखने की दिशा में कदम उठा सकता है ताकि आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिल सके।
इस राहत से खासकर वे परिवार खुश होंगे जिन्होंने खाद्य और उपभोग की वस्तुओं की बढ़ी हुई कीमतों का सामना किया था। हालांकि आने वाले महीनों में महंगाई की स्थिति को लेकर अनिश्चितताएं बनी हुई हैं खासकर वैश्विक स्तर पर आपूर्ति श्रृंखला और तेल कीमतों के उतार-चढ़ाव के कारण।