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जयराम महतो का राजनीतिक सफर, बोकारो और गिरडीह से चुनावी मैदान में उतरे

 रांची (झारखंड):- झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में एक नया चेहरा उभरकर सामने आया है जो 29 वर्षीय जयराम महतो हैं। उन्होंने झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) की स्थापना की है जो राज्य में 71 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। जयराम खुद बोकारो के बेरमो और गिरडीह के डुमरी से चुनावी मैदान में हैं। जयराम महतो का राजनीतिक सफर 2022 में शुरू हुआ जब उन्होंने राज्य में भाषाई आंदोलन का नेतृत्व किया था। उन्होंने इस आंदोलन के दौरान सरकार से झारखंड के स्थानीय भाषाओं को प्राथमिकता देने की मांग की थी खासकर जब राज्य स्तरीय परीक्षाओं के लिए बाहरी भाषाओं को शामिल किया गया था। इसके बाद वह राज्य के युवाओं और आदिवासी समुदाय के बीच एक मजबूत पहचान बनाने में सफल रहे।

महतो ने 2024 के लोकसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में भाग लिया और 3,47,322 वोट प्राप्त कर तीसरे स्थान पर रहे थे। इस दौरान उनकी पार्टी जेएलकेएम का गठन हुआ था। चुनाव आयोग ने पार्टी को विधानसभा चुनाव से दो महीने पहले पंजीकृत किया। महतो की पार्टी ने 75-सूत्रीय चुनाव घोषणापत्र जारी किया जिसमें 1932 आधारित नियोजन नीति को लागू करने की बात की गई है।

जयराम महतो कुर्मी समाज से आते हैं जो झारखंड में एक महत्वपूर्ण जाति समूह है। झारखंड में कुर्मी समाज की आबादी करीब 15 फीसदी है और महतो ने इस समाज में अपनी पकड़ मजबूत की है। इसके अलावा आदिवासी समुदाय की आबादी भी राज्य में 26 फीसदी है और महतो ने उनकी समस्याओं को लेकर भी आवाज उठाई है।

सोशल मीडिया पर महतो की लोकप्रियता बहुत अधिक बढ़ी है जहां उन्होंने अपने वीडियो संदेशों के माध्यम से लोगों से जुड़ा है। इन वीडियो में वह झारखंड के स्थानीय मुद्दों, बेरोजगारी, और बाहरी लोगों को सरकारी नौकरी में शामिल करने पर सवाल उठाते हैं। महतो का कहना है कि राज्य के लोग अपने अधिकारों से वंचित हो रहे हैं और उन्हें ये अधिकार दिलाने के लिए वह संघर्ष कर रहे हैं। झारखंड के राजनीतिक परिदृश्य में जयराम महतो की एंट्री एक नई उम्मीद लेकर आई है और आगामी चुनाव परिणाम इस बात को साबित करेंगे कि वह अपनी लोकप्रियता को वोट में बदलने में कितने सफल हो पाए हैं।

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