जबलपुर (उत्तर प्रदेश):- इस हैरान कर देने वाले मामले में पुलिस ने मक्खियों की उपस्थिति और व्यवहार से ब्लाइंड मर्डर केस को सुलझाने का नया तरीका अपनाया। मामला तब शुरू हुआ जब एक व्यक्ति की लाश मिली और मामले में कोई प्रत्यक्ष गवाह या सुराग नहीं था। मृतक की पहचान एक छोटे कस्बे के निवासी के रूप में की गई थी जो अपनी सादगी और शांत स्वभाव के लिए जाना जाता था।
घटना की शुरुआत एक शराब पार्टी से हुई जिसमें कुछ करीबी दोस्त शामिल थे। पुलिस की जांच से पता चला कि उस रात पार्टी में खर्च को लेकर मृतक और एक अन्य व्यक्ति के बीच गरमागरमी हुई थी। बातचीत बहस में बदली और बहस ने हिंसक रूप ले लिया। इसके बाद क्या हुआ यह किसी ने नहीं देखा। अगले दिन मृतक का शव सुनसान इलाके में मिला और शुरुआती जांच में ऐसा कोई सुराग नहीं मिला जिससे पुलिस किसी निष्कर्ष पर पहुंच सके।
पुलिस टीम ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया। जब एक अफसर ने मृतक की शर्ट पर मक्खियों का झुंड देखा तो उन्हें शक हुआ। उन्होंने वैज्ञानिक तरीके से मक्खियों की उपस्थिति के कारण की खोजबीन की। मृतक की शर्ट को फॉरेंसिक लैब में भेजा गया जहां जांच में पता चला कि शर्ट पर सूखे खून के धब्बे थे जो बिना जांच के नजरों से बच सकते थे।
डीएनए जांच से पुष्टि हुई कि वह खून आरोपी का था, जो मृतक का दोस्त और पार्टी का साथी था। पूछताछ के बाद आरोपी ने अपना अपराध कबूल कर लिया और बताया कि शराब के नशे में दोनों के बीच हुई कहासुनी ने हिंसक रूप ले लिया जिसके चलते उसने हत्या कर दी।
इस केस से यह स्पष्ट होता है कि अपराधी चाहे कितना भी होशियार हो पुलिस की सतर्कता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण उसे पकड़ ही लेता है। मक्खियों के व्यवहार जैसे असामान्य सुरागों को ध्यान में रखकर पुलिस ने एक जटिल मर्डर केस को सुलझाने में सफलता पाई।