हरियाणा: हरियाणा में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 90 में से 48 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया है। चुनाव नायब सिंह सैनी के चेहरे पर लड़ा गया था और अब उनका मुख्यमंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है। हालांकि गृह मंत्री अमित शाह को ऑब्जर्वर के तौर पर हरियाणा भेजने से राजनीतिक चर्चाएँ तेज हो गई हैं। इस कदम के पीछे कई कारण हैं:
1. अनिल विज की सीएम पद की दावेदारी
हरियाणा में नायब सिंह सैनी के मुख्यमंत्री बनने की स्थिति में अनिल विज एक महत्वपूर्ण चुनौती बन सकते हैं। विज जो अंबाला कैंट से 7वीं बार विधायक बने हैं पहले ही दावा कर चुके हैं कि वे सीनियर हैं और मुख्यमंत्री पद के लिए उनका दावा उचित है। यदि विधायक दल की बैठक में विज सैनी के नाम के खिलाफ गए तो अमित शाह को इस स्थिति को संभालना होगा। यह ध्यान में रखने वाली बात है कि मार्च में जब नायब सैनी को विधायक दल का नेता चुना गया था तब विज बैठक से चले गए थे। भाजपा के सूत्रों का कहना है कि सैनी को सीएम बनाने में कोई बड़ी बाधा नहीं है लेकिन इतिहास में भाजपा ने कभी भी अप्रत्याशित निर्णय लिए हैं।
2. अहीरवाल बेल्ट की मांग
अहीरवाल बेल्ट से भाजपा ने इस बार 11 में से 10 सीटें जीती हैं। यहां से विधायकों की एक मजबूत मांग उठ रही है कि वहां से सीएम का चेहरा होना चाहिए। 2014 में भाजपा ने यहां से सभी 11 सीटें जीती थीं जो कि कुल 47 सीटों के साथ बहुमत में योगदान कर रही थीं। पिछले चुनाव में जब भाजपा ने यहां से 8 सीटें जीती थीं तब पार्टी का बहुमत 46 सीटों के साथ कमज़ोर हुआ। केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पार्टी को अब इस क्षेत्र की मांगों पर ध्यान देना चाहिए। अमित शाह की मौजूदगी इस बात को भी ध्यान में रखेगी कि यदि सैनी सीएम बनते हैं तो विधायकों का क्या रुख रहेगा।
3. मंत्रिमंडल में समुचित प्रतिनिधित्व
भले ही भाजपा ने बहुमत हासिल कर लिया हो लेकिन मंत्रिमंडल में किन चेहरों को शामिल किया जाएगा यह अभी स्पष्ट नहीं है। चुनाव में आरएसएस के प्रभाव और कुछ नए चेहरों के विधायक बनने के बाद यह स्थिति और भी जटिल हो गई है। कुछ विधायक पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर से नाखुश रहे हैं और राव इंद्रजीत ने अहीरवाल बेल्ट से 2 से 3 मंत्री पद की मांग की है। ऐसे में अमित शाह का कार्य इस बात को सुनिश्चित करना होगा कि योग्य व्यक्तियों को मंत्री पद मिले और किसी भी विवाद से बचा जा सके।
नायब सिंह सैनी ने कहा 16 तारीख को हमारे ऑब्जर्वर अमित शाह और मोहन यादव आएंगे। हमारे सभी विधायकों की उनके साथ मीटिंग होगी। इसके बाद 17 तारीख को शपथ ग्रहण समारोह होगा।
8 अक्टूबर को हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हुए जिसमें भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला। भाजपा के खाते में 48 सीटें आईं, और 3 निर्दलीय विधायकों ने भी पार्टी को समर्थन दिया जिससे भाजपा के पास कुल 51 विधायक हो गए। इस समर्थन में बहादुरगढ़ से राजेश जून, गन्नौर से देवेंद्र कादियान, और हिसार से सावित्री जिंदल शामिल हैं।इस प्रकार हरियाणा में अमित शाह को ऑब्जर्वर बनाने के निर्णय ने राज्य की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है।